गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्री मोदी ने कहा है कि वर्ष 2002 के गुजरात दंगों में वह यदि दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए. उनके इस बयान ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है.
कांग्रेस ने जहां इसे गैरजिम्मदाराना बयान करार दिया है वहीं भाजपा ने मोदी का बचाव किया है. दरअसल मोदी ने यह बात उर्दू साप्ताहिक नई दुनिया को दिए एक साक्षात्कार में कही है. इसके संपादक शाहिद सिद्दिकी ने मोदी का यह साक्षत्कार किया है जिसमें गोधरा कांड और उसके बाद गुजरात में फैले दंगों तथा गुजरात में मुसलमानों के हालात और उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के बारे में बातचीत की गई है.
ज्ञात हो कि सिद्दिकी समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता हैं। वह इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में भी रह चुके हैं. वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के सम्बंध में जब मोदी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'यदि मैं दोषी पाया जाता हूं तो मुझे फांसी पर लटका दो.' मोदी के इस बयान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'निंदनीय व गैर-जिम्मेदाराना' करार दिया है.
मोदी के बयान की निंदा करते हुए केंद्रीय कॉरपोरेट मामलों के मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने कहा कि दोषी और उनके खिलाफ कार्रवाई के बारे में न्यायालय को निर्णय लेना है. यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी का बयान अल्पसंख्यकों को तुष्ट करने के लिए है, मोइली ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि यह बयान अल्पसंख्यकों को तुष्ट करने के लिए है या नहीं, लेकिन मैं समझता हूं कि यह बहुत निंदनीय व गैर-जिम्मेदाराना है.'
केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि गुजरात के मुख्यमंत्री अपनी छवि बदलना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि वह अपना व्यवहार व भूमिका बदलें.
खुर्शीद ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं नहीं समझता कि हम 'कंगारू न्याय' में विश्वास करते हैं. देश में जो भी कानून है, जारी रहेगा. न्यायाल यही निर्णय लेगा. न्यायालय के लिए काम करने वाली एजेंसियां निर्णय लेंगी, जांच सामग्री न्यायालय के समक्ष भेजेंगी और न्यायालय निर्णय लेगा. मैं नहीं समझता कि हम सड़कों पर या मोदी स्वयं इस बारे में निर्णय ले सकते हैं.'
यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी अल्पसंख्यक समर्थक छवि बनाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं, खुर्शीद ने कहा, 'यदि वह अपनी छवि बदलना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करने दें. लेकिन मैं समझता हूं कि उन्हें अपना व्यवहार तथा अपनी भूमिका बदलनी चाहिए. यही सबसे अच्छा होगा. छवि बदलने से कुछ नहीं होगा.'
इस बीच भाजपा ने मोदी का खुलकर बचाव किया है. पूर्व भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा, 'उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है. किसी भी अदालत ने उन्हें दोषी नहीं ठहराया है. यहां तक कि 10 साल बाद भी वे (कांग्रेस) कुछ साबित नहीं कर पाए.'
उन्होंने कहा, 'यह गुजरात के मुख्यमंत्री तथा गुजरात सरकार की छवि धूमिल करने का केंद्र सरकार का संगठित षड्यंत्र है. वे मॉडल सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.' मोदी पर गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को अयोध्या से लौट रही रेलगाड़ी में अग्निकांड से 57 कारसेवकों के मारे जाने के बाद गुजरात में भड़के दंगों को मौन समर्थन देने का आरोप है.