गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वे वोट बैंक के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए काम करते हैं.
गोधरा में अपने एक दिन के सद्भावना उपवास के दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुजरात ने देश और दुनिया में विकास के जरिए अपनी अलग पहचान बनाई है. उन्होंने कहा कि सही मायने में गुजरात ने तरक्की की एक नई परिभाषा गढ़ी है.
नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि वे वादे में नहीं, बल्कि विकास में विश्वास रखते हैं. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में आज गुजरात की पहचान विकास के केंद्र के रूप में है. उन्होंने कहा कि आने वाला कल इस हकीकत को जरूर स्वीकार करेगा.
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ऊपर लगे दंगे के दाग से उबरकर छवि सुधारने के प्रयास के तहत वर्ष 2002 के साबरमती ट्रेन अग्निकांड की 10वीं बरसी से करीब एक महीने पहले सामुदायिक सद्भाव के लिए एक दिन के उपवास पर बैठे.
मोदी ने दिनभर के अपने उपवास से मिले मंच का इस्तेमाल इस बात पर जोर डालने के लिए किया कि अब समय आ गया है जब लोग यह फैसला करें कि वे वोट बैंक की राजनीति चाहते हैं या समावेशी विकास राजनीति.
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के छह दशक के दौरान देश ने राजनीतिक दलों को सत्ता प्राप्त करने के लिए वोट बैंक की राजनीति में लिप्त रहते हुए देखा है. उन्होंने अपना उपवास समाप्त करते हुए कहा, ‘उन्हें केवल इस बात की चिंता है कि कौन उनका संभावित वोट बैंक है.’
भाजपा के दिग्गज नेता मोदी ने मुस्लिम आबादी वाले गोधरा में अपने उपवास स्थल एसआरपी मैदान में कहा कि गुजरात में गत 15 वर्षों के दौरान सरकार ने समावेशी विकास किया है.
गुजरात के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे मोदी ने कहा, ‘अब देश के लोगों इन दो राजनीतिक संस्कृतियों में से चुनना है. एक वोट बैंक राजनीति के जरिये बांटो और राज करो और दूसरा सभी के विकास के लिए समावेशी विकास.’
शांति, सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए मोदी के ‘सद्भावना’ उपवास शुरू होने के घंटों पहले पुलिस ने गैर सरकारी संगठन अनहद से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी और पांच अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया गया. ये लोग बिना इजाजत ‘इंसाफ की खोज में’ नामक एक सम्मेलन का आयोजन कर रहे थे.
मोदी ने इसके साथ ही देश में कुपोषण की समस्या की पहचान देर से करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला किया. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने गत सप्ताह देश में कुपोषण के मुद्दे पर पीड़ा और दर्द जताया था और कहा था कि यह राष्ट्रीय शर्म है. यह शर्म की बात है कि प्रधानमंत्री जो कि इस उच्च पद पर बैठे हुए हैं और जानेमाने अर्थशास्त्री हैं उन्हें यह बात 2012 तक महसूस नहीं हुई.’
पूर्व भाजपा नेता नलिनी भट्ट को उनके वडोदरा स्थित आवास से सुबह ही हिरासत में ले लिया गया. उन्होंने गोधरा में मोदी के खिलाफ रैली निकालने की योजना बनायी थी. 27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एस छह कोच को जला दिया गया था जिसमें 59 व्यक्ति मारे गए थे. मारे गए लोगों में अधिकतर कारसेवक थे. इस घटना के बाद राज्य में भीषण दंगा भड़क गया था जिसमें डेढ़ हजार लोगों की मौत हो गई थी.
मोदी के उपवास के लिए गोधरा को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. गोधरा 2002 के सांप्रदायिक दंगों का केंद्र रहा था. उपवास की सुरक्षा के लिए 1,600 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. इसके साथ ही विशेष रूप से प्रशिक्षित चेतक कमांडो और अन्य सशस्त्र जवानों की तैनाती की गई है.
मोदी के उपवास स्थल पर मुस्लिम समुदाय के लोगों की मौजूदगी स्थानीय भाजपा नेता की उम्मीदों से कम रही. पंचमहल जिला भाजपा अध्यक्ष जयप्रकाश पटेल ने उम्मीद जतायी थी कि गोधरा से अल्पसंख्यक समुदाय से बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उपवास स्थल पर अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ प्रतिनिधियों को देखा गया. वहीं मुस्लिम समुदाय जैसे गाचिस और बोहरा के कुछ धर्मगुरु मंच पर मोदी के बगल में बैठे थे.
मुख्यमंत्री मोदी स्टेट रिजर्व पुलिस मैदान में करीब 11 बजे पहुंचे. यहां उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी, सांसद और विधायक मौजूद थे. इसमें विभिन्न धर्मों के नेता भी मौजूद थे.