राजनीतिक गहमागहमी के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन दिनों का 'सद्भावना' उपवास अहमदाबाद में शनिवार को शुरू हो रहा है. वहीं, उपवास के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं और एआईएडीएमके मंत्रियों के पहुंचने को लेकर सुरक्षा की पांच स्तरीय व्यवस्था की गई है. मोदी के उपवास स्थल पर लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली और प्रकाश सिंह बादल जैसे दिग्गज नेता भी पहुंचे हैं.
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की अध्यक्ष जे. जयललिता ने मोदी के उपवास को अपना समर्थन देते हुए अपने दो मंत्रियों को अहमदाबाद भेजा है.
इस बीच, मोदी ने शुक्रवार देर शाम एक बयान जारी कर कहा कि उनका यह अभियान देश की अनेकता में एकता का भावना को और मजबूत करेगा. मोदी के तीन दिनों के उपवास से एक दिन पहले जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा है कि 'भारत और गुजरात ने यह अनुभव किया है कि जातिवाद और साम्प्रदायिक उन्माद किसी का भला नहीं करते.
गुजरात समाज की विकृतियों से ऊपर उठा है और देश को प्रगति, शांति, एकता, सद्भाव और भाईचारे के रास्ते पर आगे बढ़ना है.' मोदी ने कहा कि भारत का संविधान उनके लिए सर्वोपरि है. उन्होंने कहा, 'यहां कोई पक्षपात नहीं हो सकता और राज्य का कोई शत्रु नहीं हो सकता. हर नागरिक की तकलीफ मेरी तकलीफ है. सभी को न्याय दिलाना राज्य का कर्तव्य है.'
उन्होंने लोगों की सेवा करने के लिए इस मौके पर सभी से आशीर्वाद की मांग की. ज्ञात हो कि मोदी के उपवास के पहले दिन भाजपा के शीर्ष और दिग्गज नेता शिरकत करने वाले हैं. इनमें पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी शामिल हैं.
इन नेताओं के अलावा कलराज मिश्र, महासचिव विजय गोयल, रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूडी और महिला मोर्चा की अध्यक्ष एवं सांसद स्मृति ईरानी भी अहमदाबाद जाएंगी.