शायद पहली बार हुआ है कि किसी मुख्यमंत्री ने राज्य के दायरे से बाहर निकलकर देश के नाम चिट्ठी लिखी है. गुजरात विधानसभा चुनाव से करीब साल भर पहले अपना तीन दिन का कार्यक्रम शुरू करते हुए नरेंद्र भाई मोदी ने देश से कहा है कि वे एकता, सदभाव और भाईचारे के लिए उपवास कर रहे हैं.
सियासी दांव खेलना हो, विरोधी के नहले पर दहला मारना हो तो इसमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई जवाब नहीं है. और वो भी आक्रामक अंदाज में. लेकिन इस बार मोदी ने चुना है बिल्कुल नया रास्ता, रास्ता उपवास का.
देश के नाम लिखे खत में मोदी ने लिखा है-
मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, सादर प्रणाम. मेरा ये अभियान समाज और देश के नाम समर्पित है जिसका मकसद है एकता और भाईचारा. मोदी आगे लिखते हैं... गुजरात मुश्किलों से निकलकर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा. आज यहां अमन है, एकता है, सामाजिक सौहार्द और भाईचारा है. भारत का इतिहास गवाह है कि जातिवाद और संप्रदायवाद ने कभी समाज का भला नहीं किया.
गुजरात दंगे के 9 साल बाद अब मोदी को इस बात का भी अहसास हो चला है कि राज्य चलाने वाले को राजधर्म का पालन करना चाहिए.
मोदी आगे लिखते हैं, कोई समाज या राज्य आदर्श होने का दावा नहीं कर सकता. मैं उन लोगों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने पिछले 10 सालों में मेरी गलतियों को जाहिर किया. एक मुख्यमंत्री होने के नाते किसी भी नागरिक की तकलीफ मेरी तकलीफ है. सभी को इंसाफ मुहैया कराना राज्य का फर्ज है.
यानी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मोदी उत्साहित तो हैं लेकिन कहीं न कहीं 2002 के दंगों को लेकर उन्हें मलाल भी है. तभी तो कभी विरोधियों के साथ आर-पार की लड़ाई में यकीन रखनेवाले मोदी अब उनके प्रति नरम होने की बात कह रहे हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री ने लिखा है, 'तीन दिनों के दौरन मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि मेरे मन में उन लोगों के लिए बुरे ख्याल ना आएं जिन्होंने मुझे या गुजरात को बदनाम करने के लिए झूठे इल्जाम लगाए.'
साफ है मोदी ने इस बार कांग्रेस पर हमला बोलने के लिए गांधीगीरी की राह चुनी है. लेकिन सच्चाई यही है कि मोदी के इस उपवास में उनकी बड़ी महात्वकांक्षा छिपी है. मोदी खुद को बीजेपी का भावी प्रधानमंत्री के रूप में देख रहे हैं. पिछले दिनों जिस तरह से अमेरिकन कांग्रेसनल रिसर्च की रिपोर्ट में उन्हें पीएम पद का दावेदार माना गया है मोदी को लगता है कि उनके पास एक बढ़िया मौका है अपनी छवि को चमकाने का.