राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कहना है कि गुजरात दंगों के मामले में विशेष जांच दल की ओर से नरेन्द्र मोदी को ‘क्लीन चिट’ मिलने के बाद अब उन्हें और अग्निपरीक्षा देने की जरूरत नहीं है तथा देश गुजरात से बाहर उनकी राष्ट्रीय भूमिका की प्रतीक्षा कर रहा है.
संघ के मुखपत्र पांचजन्य के संपादकीय में कहा गया है कि गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में 69 लोगों के जिंदा जलाए जाने की घटना के बारे में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट में मोदी सहित 62 लोगों को क्लीन चिट दिया जाना उन मोदी विरोधियों के मुंह पर तमाचा है, जो गत दस साल से मनगढ़ंत और झूठे आरोप लगाकर गुजरात दंगों को लेकर मोदी की राक्षसी छवि बनाने में लगे हैं.
सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए इसमें कहा गया है कि संप्रग अध्यक्ष द्वारा कभी मोदी को ‘मौत का सौदागर’ कहा जाना आज कांग्रेस को ही मुंह चिढ़ा रहा है, जब एक सर्वेक्षण में देश के प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी को 24 प्रतिशत लोगों ने और कांग्रेस के ‘तारणहार’ माने जाने वाले ‘युवराज’ राहुल गांधी को महज 17 प्रतिशत लोगों ने ही पसंद किया.
मुस्लिमों के बीच भी मोदी की लोकप्रियता बढ़ने का दावा करते हुए संपादकीय में कहा गया है, ‘यहां तक कि अमेरिका की टाइम पत्रिका भी मोदी को भारत के अगले प्रधानमंत्री के रूप में देख रही है, जो राहुल के मुकाबले बहुत मजबूत दावेदार हैं. अब देश की जनता गुजरात के बाहर मोदी की राष्ट्रीय भूमिका की प्रतीक्षा कर रही है.’