मुंबई हमलों के सह आरोपी डेविड कोलमन हेडली ने अपनी गवाही में कहा है कि नई दिल्ली का नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) आतंकवादियों के निशाने पर है क्योंकि 26/11 के सूत्रधार इलियास कश्मीरी का मानना है कि इस एक संस्थान को निशाना बनाने से इतने भारतीय ब्रिगेडियरों को मारा जा सकता है, जितने पाकिस्तान की सेना भारत के साथ हुए चार युद्धों में भी नहीं मार सकी.
मुंबई हमलों के कुछ ही महीने बाद, कश्मीरी ने हेडली से मुलाकात की और उससे दोबारा भारत जाने और वहां दिल्ली के एनडीसी और विभिन्न शहरों में स्थित यहूदी पूजा स्थलों (चबाड हाउस) की टोह लेने को कहा.
जब हेडली, पाशा के साथ फरवरी, 2009 में कश्मीरी से मिलने वजीरिस्तान गया, तो वह लश्कर-ए-तय्यबा के धड़ों में ‘टोही विशेषज्ञ’ के रूप में उभरा और इसलिए आतंकवादी हमलों की योजनाओं में वह अहम भाग बन गया.
हेडली ने एक सवाल के जवाब में बताया कि कश्मीरी ने मुझसे भारत लौटने को कहा. उसने कहा कि उसका नेतृत्व गाजा पट्टी पर इस्राइल के ताजा हमलों से बहुत व्यथित है और बदला लेना चाहता है. हेडली ने बताया कि कश्मीरी भारत के विभिन्न शहरों में स्थित चबाड हाउस (यहूदी पूजा स्थलों) की पहचान कराना चाहता था.
हेडली को वापस लौटते समय पाशा ने भारत स्थित विभिन्न चबाड हाउसों की सूची भी सौंपी. हेडली ने बताया कि चूंकि वह दोबारा भारत आ रहा था, इसलिए कश्मीरी ने उससे कहा कि वह एनडीसी भी जाए. कश्मीरी ने एनडीसी को ऐसा प्रतिष्ठित भारतीय संस्थान बताया, जो सेना के आला अधिकारियों, कर्नल और उंचे स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षण देता है.
पाशा ने हेडली से कहा कि अगर ‘हम एनडीसी पर हमला करने में सफल हो जाते हैं, तो हम उससे भी ज्यादा भारतीय ब्रिगेडियरों को मार सकते हैं, जितने पाकिस्तान, ने भारत के साथ चार युद्धों में मारे हैं.’ अपने आकाओं से निर्देश पाने के बाद हेडली ने दिल्ली, पुष्कर और गोवा के चबाड हाउसों के अलावा एनडीसी की भी टोह ली.
इसके बाद वह वापस पाकिस्तान गया, ताकि इस पूरे टोही अभियान से मिली सामग्री, तस्वीरें और वीडियो अपने आकाओं को दे सके. उसने एनडीसी के वीडियो पाशा के साथ साझा किए जो, इस सामग्री से बहुत खुश हुआ. उसने हेडली से कहा कि वह निश्चित तौर पर इन निशानों पर हमलों को लेकर काम करेगा.
यह पूछे जाने पर कि पाशा इस परियोजना को लेकर कितना गंभीर था, हेडली ने कहा, ‘मुझे उससे जो पता चला, उस हिसाब से वह निकट भविष्य में निशाना बनने वाले थे.’