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भारत को सबसे बड़े श़त्रु के तौर पर देखना बंद करे पाकिस्तान: नवाज शरीफ

भारत को धमकाने की पाकिस्तानी सेना के कदम पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान को भारत को ‘सबसे बड़े दुश्मन’ के तौर पर देखना बंद करना होगा. उन्होंने कहा ‘अगर हम आगे बढ़ना और तरक्की करना चाहते हैं’ तो पड़ोसी देश के साथ संबंधों की समीक्षा करनी होगी.

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भारत को धमकाने की पाकिस्तानी सेना के कदम पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान को भारत को ‘सबसे बड़े दुश्मन’ के तौर पर देखना बंद करना होगा. उन्होंने कहा ‘अगर हम आगे बढ़ना और तरक्की करना चाहते हैं’ तो पड़ोसी देश के साथ संबंधों की समीक्षा करनी होगी.

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करगिल संकट के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ ने भारत के साथ 1999 के संघर्ष की जांच की भी मांग की. उन्होंने कहा कि वह तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 1999 में की गयी उस टिप्पणी से दंग रह गये थे जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर मुद्दे का समाधान किया जा सकता है.

शरीफ ने कहा कि वाजपेयी ने लंबे समय से विवादित कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिये पर्दे के पीछे की कूटनीति का प्रस्ताव दिया था और यह प्रक्रिया शुरू ही होने वाली थी लेकिन ‘करगिल संकट की वजह से इस प्रयास को गहरा धक्का लगा.’ पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और मुख्य विपक्षी पार्टी पीएमएल एन के प्रमुख नवाज शरीफ अभी सिंध प्रांत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं.

कराची में मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने यह टिप्पणी की. उन्होंने सरकार से वर्ष 2006 मे सैन्य अभियान के दौरान मारे गये बलूच नेता नवाब अकबर बुगती और 12 मई 2007 के कराची हत्याकांड की जांच कराये जाने की मांग की. गौरतलब है कि 12 मई 2007 को कराची में उच्चतम न्यायालय के बर्खास्‍त तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी के समर्थन में रैली निकालने की कोशिश में 40 लोग मारे गये थे.

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नवाज शरीफ की सरकार का परवेज मुशर्रफ ने 1999 में सैन्य तख्तापलट कर दिया था. उन्होंने सेना और आईएसआई के बजट को अन्य लोकतंत्र के समान संसद के समक्ष रखे जाने की मांग दुहरायी. शरीफ ने कहा कि उन्हें इस बात का सबसे ज्यादा अफसोस है कि वह 1990 के दौरान शक्तिशाली सेना को काबू में नहीं रख पाये.

उन्होंने कहा कि दो मई को अमेरिकी अभियान के दौरान अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के मारे जाने की संसद द्वारा प्रस्ताव पारित कर एक स्वतंत्र आयोग से जांच कराये जाने की मांग संसद को संप्रभु बनाने की दिशा में उठाया गया पहला कदम है. शरीफ ने कहा, ‘हमें ढांचागत बदलाव की आवश्यकता है. इस जांच के जरिये हमें देश को सही रास्ते पर लाने, व्यवस्थित कर इसकी दिशा सही करने, कानून का शासन कायम करने और सभी संस्थाओं को असैन्य नियंत्रण में लाने का मौका मिला है.’

उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐबटाबाद मामले की जवाबदेही तय करती है और दोषी पाये गये लोगों को सजा देती है तो पूरी दुनिया में यह संदेश जायेगा कि पाकिस्तानी नागरिक अमेरिकी अभियान जैसी किसी और शर्मिंदगी की स्थिति बरदाश्त नहीं करेंगे.’ शरीफ ने हाल ही में बने पीपीपी और पीएमएल क्यू गठबंधन पर भी निशाना साधा. ये दोनों पार्टियां पंजाब प्रांत और केंद्र में पीएमएल एन की प्रतिद्वंद्वी पार्टियां हैं.

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