नक्सलवाद को देश की शांति और सुरक्षा के लिए ‘सबसे बड़ा खतरा’ बताते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि इसका फैलाव आंशिक तौर पर स्थानीय लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने में ‘असफलता’ को परिलक्षित करता है.
मुखर्जी ने कहा कि वह खास तौर पर देश के आर्थिक तौर पर कुछ सबसे ज्यादा पिछड़े इलाकों में वामपंथी चरमपंथ के फैलाव को लेकर चिंतित हैं.
मुखर्जी ने राष्ट्रीय राजधानी में सीआरपीएफ के 71वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में कहा कि मैं देश के आर्थिक तौर पर कुछ सबसे ज्यादा पिछड़े इलाकों में वामपंथी चरमपंथ के फैलाव को लेकर खास तौर पर चिंतित हूं. यह आंशिक तौर पर स्थानीय लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने में हमारी असफलता को प्रदर्शित करता है.
उन्होंने कहा कि उन लोगों को गुमराह करना आसान है, जिन्हें उनके वाजिब हक से उपेक्षित रखा गया है और जहां सरकार ने लोगों की चिंताओं के प्रति पर्याप्त संवेदनशीलता नहीं दिखाई है.
इसके बाद संवाददाताओं से बात करते हुए मुखर्जी ने कहा कि माओवादियों से उपजा खतरा शांति और सुरक्षा को होने वाले सबसे बड़े खतरों में से एक है. सरकार ने माओवाद से प्रभावित विभिन्न प्रदेशों में नक्सलवाद निरोधक अभियान के लिए सीआरपीएफ के लगभग 60 हजार जवानों को तैनात किया है.