छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने शनिवार को सुकमा जिले के जिलाधिकारी एलेक्स पॉल मेनन का अपहरण कर लिया.
जिलाधिकारी के दो अंगरक्षकों ने जब इसका विरोध करने की कोशिश की, तो नक्सलियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2006 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी मेनन को करीब दर्जन भर नक्सलियों ने राजधानी रायपुर से करीब 500 किलोमीटर दक्षिण एक सुदूर इलाके में आयोजित सरकारी कार्यक्रम से अगवा किया.
एक अधिकारी ने बताया कि समारोह में सादे कपड़ों में मौजूद नक्सली शाम करीब 4.45 बजे जिलाधिकारी के समीप पहुंचे और उन्हें अपने साथ ले जाने की कोशिश की. मेनन के दो अंगरक्षकों ने जब इसका विरोध किया तो नक्सलियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी.
पुलिस ने बताया कि नक्सली जिलाधिकारी को जंगल में ले गए. छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अनिल एम. नवाने ने जिलाधिकारी के अपहरण पर एक आपात बैठक बुलाई है. साथ ही राज्य सरकार ने आंध्र प्रदेश एवं ओडिशा से जुड़ने वाली सुकमा जिले की सीमा में अलर्ट जारी किया है.
बस्तर इलाके में तैनात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, 'दर्जन भर से अधिक नक्सलियों ने जिलाधिकारी का अपहरण किया. नक्सलियों ने केरलापाल इलाके में आयोजित सरकारी समारोह में जिलाधिकारी के लिए एक घंटे से अधिक समय तक इंतजार किया.'
ज्ञात हो कि सुकमा जिला बस्तर क्षत्र का हिस्सा है और गत जनवरी में दंतेवाड़ा से अलग कर इसे अलग जिला बनाया गया.
जिलाधिकारी के अपहरण की यह घटना नक्सलियों द्वारा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक महेश गागदा एवं बीजापुर के जिलाधिकारी रजत कुमार के काफिले पर हुए जानलेवा हमले के एक दिन बाद हुई है.
मुख्यमंत्री रमन सिंह एवं गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने नक्सलियों से जिलाधिकारी की तुरंत रिहाई की अपील की है. उन्होंने इसे कायरतापूर्ण कार्रवाई बताया है.
राज्य सरकार 'ग्राम सुराज' योजना को सफल बनाने के लिए गत 18 अप्रैल से नक्सल प्रभावित इलाकों में अधिकारियों के भेजे जाने पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस की आलोचना का सामना कर रही है.