सुप्रीम कोर्ट ने कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया के नेताओं, पत्रकारों और कॉरपोरेट दिग्गजों से बातचीत के सभी टेपों की विषय वस्तु का खुलासा करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर केन्द्र सरकार से उसकी प्रतिक्रिया मांगी है. ये सभी सरकार ने टैप किए थे.
न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति एस एस निझज्जर ने आज इस बारे में केंद्र को नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई दो फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी.
न्यायालय ने यह आदेश ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रस्ट लिटिगेशन’ की याचिका पर दिया है. इस संस्था ने नेताओं, पत्रकारों और कॉरपोरेट दिग्गजों समेत विभिन्न लोगों से नीरा की बातचीत के 5,800 टेपों का खुलासा करने की मांग की थी.
याचिका में कहा गया था कि इन टेपों का खुलासा करना जनहित में है क्योंकि इससे विभिन्न सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है.
सरकार ने वित्त मंत्रालय में एक शिकायत के बाद नीरा की फोन पर बातचीत टैप की थी. शिकायत में कहा गया था कि वह कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त है.