हम आपको सुनाने जा रहे हैं एक ऐसी बातचीत जिसे यकीनन नीरा राडिया सुनना पसंद नहीं करेंगी. एक ऐसी बातचीत जो उन्हें और मुश्किल में डाल सकती है.
नीरा राडिया के पूर्व सहयोगी राव धीरज सिंह ने खुलासा किया है कि राडिया कैसे कॉरपोरेट हल्कों में मुश्किलें सुलझाने वाली शख्सियत बन गईं. सिर्फ यही नहीं राव का दावा है कि वो राडिया के सौदों और गोपनीय खजाने के बारे में भी जानते हैं.
आजतक के सहयोगी चैनल हेडलाइन्स टुडे के पास एक्सक्लूसिव दस्तावेज हैं, जिसमें नीरा राडिया श्रीमती धीरज सिंह के रूप में दर्ज हैं.
धीरज सिंह के अमेरिकन एक्सप्रेस गोल्ड कार्ड आवेदन के बीमा दस्तावेज में लाभार्थी के रूप में नीरा राडिया का नाम दर्ज है जिसमें कार्ड मेम्बर से रिश्ता पत्नी का दिखाया गया है. इस दस्तावेज में 13 मई 1999 की तारीख दर्ज है. राव धीरज सिंह नीरा के बिजनेस पार्टनर भी रहे हैं.
राडिया टेप लीक होने के बाद मीडिया के साथ अपनी पहली बातचीत में धीरज ने 1995 से 2002 के बीच नीरा की बिजनेस डीलिंग के बारे में विस्फोटक खुलासे किए. उस समय राडिया के क्राउन मार्ट इंटरनेशनल (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड से धीरज काफी नजदीक से जुड़े हुए थे.{mospagebreak}
उन्होंने बताया कि 1998 में बीजेपी नीत एनडीए सरकार के आने और अनंत कुमार के नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद नीरा का प्रभाव कैसे बढ़ना शुरू हुआ.
धीरज ने कहा है कि वास्तव में ये बीजेपी का शासन था जब हमारे लिए सब कुछ सही होना शुरू हो गया. केएलएम यूके डील के बाद कई सारी कंपनियों ने उनसे संपर्क साधना शुरू कर दिया. हमने कुछ हेलिकॉप्टर सहारा को बेचे. एयरबस के कंसोर्टियम ने हमारा समर्थन शुरू कर दिया. कर्नाटक, महाराष्ट्र की सरकारों को यूरोकॉप्टर्स बेचे गए. महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार थी. अनंत कुमार के साथ राडिया के अच्छे रिश्ते थे. उन्होंने हमारे लिए सारा प्रबंध किया.
धीरज ने आगे बताया कि नीरा को ढेर सारी सूचनाएं, कैबिनेट पेपर्स, कैबिनेट बैठकों के मिनिट्स अनंत कुमार और दूसरे लोगों से मिलते रहते थे. इसके बाद इसे फ्रांस और सभी जगहों पर उनके क्लाइंट्स को इसे भेज दिया जाता था. एक वक्त तो ऐसा भी था, जब वो रक्षा सौदे में भी घुसना चाहती थीं.
धीरज ने यूरोकॉप्टर डील के दौरान बीजेपी के वर्तमान अध्यक्ष के साथ कथित मुलाकात के बारे भी बताया. धीरज ने कहा है कि मुझे याद है जब महाराष्ट्र सरकार के साथ ये यूरो डील हो रहा था. नीरा और मैं नितिन गडकरी से मिलने नागपुर गए, जिन्होंने सौदा कराने में मदद की.
हालांकि बीजेपी अध्य़क्ष नितिन गडकरी ने इस इल्जाम को बेबुनियाद बताया है. आजतक से बातचीत में उन्होंने कहा कि वो नीरा राडिया से कभी नहीं मिले.{mospagebreak}
उधर, सिंह का इल्जाम है कि अनंत कुमार के अलावा भी बीजेपी सरकार में राडिया के नजदीकी रिश्ते थे. धीरज का कहना है कि बीजेपी सरकार ने 2002 में वसंत कुंज में नीरा के ट्रस्ट को जमीन का एक बड़ा टुकड़ा आवंटित किया था. एल के आडवाणी उसका शिलान्यास करने आए थे. बाद में उन्होंने तकरीबन दो साल जेल में बिताया. राडिया ने उन पर अपने बेटे करण के अपहरण का इल्जाम लगाया था.