वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी नीरज कुमार ने शनिवार को दिल्ली पुलिस के अयुक्त के तौर पर कार्यभार संभाल लिया. कुमार ने बी के गुप्ता की जगह ली है. गुप्ता पुलिस के विभिन्न संगठनों में 36 वर्षों की सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हो गए.
1976 बैच के अधिकारी कुमार दिल्ली पुलिस में तबादला किए जाने के पहले तिहाड़ जेल के महानिदेशक के तौर पर सेवा दे रहे थे. वह अगले साल जुलाई में सेवानिवृत्त होंगे. गुप्ता ने 10 नवंबर 2010 को वाई एस डडवाल का सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक के तौर पर तबादला होने के बाद दिल्ली पुलिस के आयुक्त के तौर पर कार्यभार संभाला था.
इससे पहले दिन में गुप्ता को गर्मजोशी से विदाई दी गई. अपने विदाई समारोह के दौरान गुप्ता ने कहा कि कर्तव्य निर्वहन के दौरान घंटों चिलचिलाती धूप में खड़े रहने वाले कांस्टेबल ‘असली हीरो’ हैं और उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए.
गुप्ता ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के पुलिस प्रमुख के तौर पर उनका कार्यकाल ‘बेहद संतोषजनक’ रहा और दावा किया कि उनके कार्यभार संभालने के बाद सड़कों पर होने वाले अपराध में कमी आई है. अपने नए काम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुमार ने इससे पहले कहा था, ‘यह सम्मान की बात है और मैं अपेक्षाओं को पूरा करने का जीतोड़ प्रयास करूंगा.’
अपने 36 साल के कार्यकाल के दौरान कुमार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और दिल्ली पुलिस में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है. एशिया के सबसे बड़े कारागार तिहाड़ के प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभालने के पहले उन्होंने विशेष आयुक्त के तौर पर साल 2010 में यहां आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सफलतापूर्वक संभाली थी.
सेंट स्टीफन्स कॉलेज से स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाले कुमार ने आईपीएस के तौर पर अपने करियर की शुरूआत 1979 में चाणक्यपुरी सर्किल के सहायक पुलिस आयुक्त के तौर पर की और उन्होंने उन विभिन्न दलों का नेतृत्व किया है जिन्होंने देश में आतंकवादी नेटवर्कों का भंडाफोड़ किया है.
उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों पर काम किया है जिसमें 2002 में दुबई से आफताब अंसारी का प्रत्यर्पण शामिल है. अंसारी कोलकाता में अमेरिकन सेंटर पर गोलीबारी की घटना का मुख्य आरोपी था.