ऑस्ट्रेलिया के प्रजनन विशेषज्ञों ने एक ऐसी तकनीक का विकास कर लिया है जिससे निसंतान दंपतियों के लिये अब बच्चों को पाना सपना बन कर नहीं रह जायेगा.
इस तकनीक के जरिये मानव के शुक्राणु को उसके सामान्य आकार से करीब तिहतर सौ गुणा तक बड़ा किया जा सकता है, ताकि उन महिलाओं को जिन्हें प्रजनन के दौरान समस्यायें आती है वह आसानी से मां बन सकें.
द एज समाचार पत्र के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के प्रजनन विशेषज्ञों ने इस तकनीक के जरिये शुक्राणु को पंद्रह सेंटीमीटर तक लंबा करने में सफलता पायी, जो कि सामान्य तौर पर दिखने वाले शुका्रणु के आकार से 18 गुना बड़े थे.
इस तकनीक के जरिये उन पुरुषों को सहायता मिलेगी जिनकी पत्नियां बार-बार गर्भपात और गर्भधारण नहीं कर पाने की समस्या का सामना करती है.
दरअसल, यह इसलिये होता है कि पुरुष के शुक्राणु में मौजूद डीएनए (आनुवांशिक गुणों के स्थानांतरण के लिये जिम्मेदार) की आकृति में परिवर्तन आ जाता है या उनके कई शिरायें मौजूद होती हैं, जिस वजह से ये विकृत शुक्राणु मादा के शरीर से निकलने वाले अंडाणु का ठीक तरह से निषेचन नहीं कर पाते है और परिणामस्वरुप महिलाओं में गर्भधारण की समस्या आने लगती है.