बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने लगातार दूसरी बार अपनी चल और अचल संपत्ति सार्वजनिक कर दी, जिसमें सबसे धनी के रूप में राज्य के शिक्षा मंत्री पीके शाही का नाम आया है.
वर्ष 2010 की तरह इस बार भी दो जनवरी को वेबसाइट पर जारी मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों की संपत्ति के ब्यौरे में पिछली बार की तुलना में अधिक परिवर्तन नहीं देखा गया है. शाही और उनके परिवार के पास छह करोड रुपये से अधिक की चल एवं अचल संपत्ति है.
सार्वजनिक किये गये संपत्ति के ब्यौरे के मुताबिक मुख्यमंत्री के पास छह लाख 15 हजार रुपये की जबकि उनके पुत्र निशांत के पास 73 लाख 60 हजार रूपये से अधिक की चल संपत्ति है. ब्यौरे के मुताबिक मुख्यमंत्री के नाम करीब 40 लाख और उनके इकलौते के पुत्र के नाम पर 42.69 लाख रुपये मूल्य की अचल संपत्ति है.
वहीं राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने स्वयं और अपनी परिवार की चल संपत्ति 66 लाख रुपये से अधिक घोषित की है. उपमुख्यमंत्री के पास 51 लाख रुपये की अचल संपत्ति है जिसमें कई स्थानों पर भूखंड शामिल है.
शाही दपंत्ति के पास छह करोड़ रुपये से अधिक चल एवं अचल संपत्ति है जिसमें कई प्रमुख शहरी इलाकों में भूखंड शामिल है. मंत्रियों की सूची में शाही सबसे अमीर मंत्री हैं.
मंत्रियों की संपत्ति के ब्यौरे में बढ़ोतरी का कारण रियल एस्टेट कारोबार में उछाल के कारण भू-संपत्तियों के मूल्य में बढ़ोतरी कहा जा रहा है. राज्य के श्रम संसाधन मंत्री जर्नादन सिग्रीवाल के पास सबसे कम संपत्ति है. संपत्तियों के ब्यौरे के मुताबिक कई मंत्रियों के पास पुश्तैनी संपत्ति है जबकि कई ने सावधि जमा, रियल एस्टेट में काफी निवेश किया है.
नीतीश सरकार के सबसे युवा मंत्री ग्रामीण विकास के नीतीश मिश्रा के पास 46 लाख रुपये से अधिक की चल संपत्ति है. मिश्रा दंपति के पास एक करोड़ 13 लाख रुपये से अधिक मूल्य की अचल संपत्ति है.
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित उनके मंत्रिमंडल के कई सहयोगियों ने बिल्कुल सरल फार्मेट में अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया तो कई मंत्रियों के फार्मेट अलग-अलग हैं.