मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विभाजित कर झारखंड राज्य के गठन के बाद बिहार को मिलने वाली विशेष सहायता को आगे भी जारी रखने के लिए केंद्र से वर्तमान पंचवर्षीय योजना में पांच वर्षों में कम से कम सड़क, बिजली, सिंचाई और कुछ अन्य क्षेत्रों में बीस हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता दिए जाने की मांग की है.
पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार को विभाजित कर झारखंड राज्य के गठन के बाद बिहार को मिलने वाली विशेष सहायता को आगे भी जारी रखे जाने की मांग करते हुए केंद्र से पांच वष्रो में कम से कम सड़क, बिजली, सिंचाई और कुछ अन्य क्षेत्रों में बीस हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता दिए जाने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि वार्षिक योजना के आकार को लेकर योजना आयोग के साथ कल अधिकारियों और हमारे स्तर पर परसों नई दिल्ली में बैठक होगी.
नीतीश ने कहा कि हमलोगों ने प्रदेश के 2012-13 के बजट में ही 28 हजार करोड रुपये के योजना आकार को तय किया है इसकी सूचना पूर्व में ही योजना आयोग को दे दी थी.
उन्होंने कहा कि संसाधनों की स्थिति को लेकर बिहार के वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ योजना आयोग की जो बैठक पूर्व में हुई है उससे 28 हजार करोड़ रुपये का योजना का प्रदेश का आकार है वह मेल खाता है.
नीतीश ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि हम और कुछ आगे बढें तथा इसके अलावा एक और विषय विशेष सहायता का है जिसपर बैठक के दौरान हम जोर डालेंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार को विभाजित कर झारखंड के गठन को लेकर केंद्र की तत्कालीन राजग सरकार ने बिहार के लिए विशेष सहायता शुरू की थी पिछली बार हमारी पहल पर पिछली योजना में तो जारी रखा गया और हम चाहते हैं कि आगे भी जारी रखा जाए और इसके लिए सब स्तर पर पत्र लिखा है और बातचीत भी की है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान पंचवर्षीय योजना में पांच वष्रो में कम से कम सड़क, बिजली, सिंचाई और कुछ अन्य क्षेत्रों में बीस हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता बिहार को दी जाए और इसके लिए हमारी तरफ से पचास हजार करोड रुपये का प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेज दिया गया है.
नीतीश ने कहा कि केंद्र उनमें से चिन्हित परियोजनाओं के ऊपर ही वह ध्यान दें जैसा कि अबतक विशेष सहायता में चिंहित परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त सहायता दी जा रही थी.
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में कुछ राज्य उच्चपथ, गंडक नहर प्रणाली की जीर्णोद्धार की योजना, सब ट्रांसिमिशन की विद्युत प्रणाली, भूजल सिंचाई योजना सोनपुर और दीघा के बीच रेल सह सडक पुल योजना में से सडक के लिए दी जा रही सहायता आदि शामिल हैं.
नीतीश ने कहा कि पुरानी योजनाएं जो चल रही उसे पूरा करने के लिए धन की जो आवश्यक्ता है, वह तो मिले ही उसके अलावा इस पंचवर्षीय योजना काल में 20 हजार करोड़ रुपये के केंद्र योजनाओं का चयन कर ले बिहार सरकार ने उसकी सूची भेज दी है.
उन्होंने कहा कि बिहार पुनर्गठन विधेयक में ही इसबात का प्रावधान है कि बिहार को और क्या सहायता दी जाए इसपर विचार करके निर्णय लिए जाने के लिए योजना आयोग के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक सेल काम करेगा.
नीतीश ने वर्ष 2001-02 में उक्त सेल ने कुछ काम किया पर उसके बाद उक्त सेल ने कोई काम आगे नहीं किया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री सी पी जोशी से वे मिलेंगे और उन्हें गंगा नदी पर बने पटना स्थित गांधी सेतु की खराब स्थिति से अवगत कराएंगे. उन्होंने कहा कि हमारा प्रस्ताव होगा कि इस पुल का रख-रखाव किया जाए और इसके सामानांतर कच्ची दरगाह के पास से हम एक छह लेन वाला नया पुल बनाना चाहते हैं वे उनसे केवल अनापत्ति मांगेंगे.
नीतीश ने कहा कि गांधी सेतु को हालांकि राज्य सरकार ने ही बनवाया था पर उसे राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत ले लिए जाने के बाद उसके रख-रखाव की जवाबदेही केंद्र की है पर यह काम ठीक ढंग से हो नहीं पा रहा है.
उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान योजना आयोग से प्रदेश में सोनपुर से दीघा तक बनने वाले रेलवे एवं सडक पुल का काम और मुंगेर में बनने वाले पुल के निर्माण का काम बहुत धीमा होने की चर्चा करेंगे क्योंकि उसके लिए जितनी राशि खर्च होनी है उस हिसाब से राशि नहीं दी गयी है.
नीतीश ने कहा कि पटना वाले रेल पुल के योजना के आवंटित की गयी राशि में दो सौ करोड़ रुपये और मुंगेर रेल पुल में करीब डेढ सौ करोड़ रुपये कम है. उन्होंने कहा कि इसके लिए रेल मंत्री और योजना आयोग के उपाध्यक्ष को भी उन्होंने पत्र लिखा है और बैठक के दौरान उसपर चर्चा करेंगे.