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राज ठाकरे की टिप्पणी पर भड़के नीतीश

मुंबई में 13 जुलाई 2007 को हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में हुई गिरफ्तारी पर राज ठाकरे द्वारा उत्तर भारतीयों पर टीका टिप्पणी से भड़के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि किसी घटना में किसी की संलिप्तता को लेकर किसी भी राज्य अथवा स्थान के बारे में कोई टीका-टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए.

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

मुंबई में 13 जुलाई 2007 को हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में हुई गिरफ्तारी से कथित तौर पर बिहार के तार जुडने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी घटना में किसी की संलिप्तता को लेकर किसी भी राज्य अथवा स्थान के बारे में कोई टीका-टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए.

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नीतीश ने ये बातें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे का इस घटना को लेकर उत्तर भारतीयों पर नये सिरे से निशाना साधे जाने पर कही. उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में कोई बात नहीं थी, उन्होंने बिहार के पुलिस महानिदेशक अभ्यानंद से पूरी बात की जानकारी हासिल करने को कहा है.

नीतीश ने कहा कि किसी घटना में किसी की संलिप्तता को लेकर किसी भी राज्य अथवा स्थान के बारे में कोई टीका-टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा, ‘अगर सही मायनों में आतंकवाद जैसे ज्वलंत मुद्दे से निपटना है तो इस तरह की टीका-टिप्पणी से बचना चाहिए.’

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गौरतलब है कि राज ने अपने बयान में कहा, ‘मैं कहता आ रहा हूं कि उत्तर भारतीयों के बढ़ने से आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं. 13 जुलाई विस्फोट मामले में कल ही बिहार के रहने वाले आतंकवादियों की गिरफ्तारी हुई है, जिससे मेरे दावे की पुष्टि होती है.’ उन्होंने कहा, ‘13 जुलाई विस्फोट मामले में बिहार के तार जुड़े होने की बात सामने आ गई है. क्या कोई इस ओर ध्यान देगा या नहीं. मुझे नहीं पता कि मेरे बयानों पर हंगामा क्यों मचाया जाता है.’

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इस बीच राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम को एक पत्र लिखकर 13 जुलाई 2007 के मुंबई सिलसलेवार विस्फोट मामले में वहां की एटीएस द्वारा बिहार के दो युवक नकी अहमद शेख और नदीम अख्तर अशफाक की गिरफ्तार किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इन दोनों युवक की गिरफ्तारी 13 जुलाई 2011 को हुए जावेरी बाजार बम विस्फोट मामले में हुई थी.

उन्होंने गृह मंत्री से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए गृह मंत्रालय से सच्चाई जानने की अपेक्षा की ताकि इस मामले पर छाई धुंध साफ हो सके.

तिवारी ने अपने पत्र में लिखा है कि इस तरह की आतंकवादी घटनाओं में एक खास समुदाय के लोगों की गिरफ्तारी होती रही है. काफी दिनों तक जेल में रहने के बाद इनमें से कईयों के बारे में यह खबर छपती है कि वे निर्दोष थे और संबंधित घटना में उनकी शिरकत नहीं थी.

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उन्होंने कहा कि गलत ढंग से गिरफ्तार हुए निर्दोष लोगों, उनके परिवार तथा उनके समुदाय के लोगों के लिए यह कितना पीड़ादायक होता होगा, इसकी सहज कल्पना की जा सकती है. इस प्रकार के गंभीर नुकसान की कोई भरपाई नहीं होती है क्योंकि केंद्र सरकार इस तरह के मामले में जो निर्दोष लोग अपमान और यंत्रणा झेलते हैं उसकी भरपाई के लिए कोई नीति नहीं बनाई है.

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तिवारी ने अपने पत्र में लिखा है कि नकी और नदीम 22 और 23 वर्ष के नौजवान हैं, अपने जीवकोपार्जन के लिए कठिन मेहनत करने वाले हैं, बिहार में हम लोग एक स्वस्थ माहौल बनाने में काफी परिश्रम कर रहे हैं.

बिहारी नौजवान हीनभावना से निकलकर देश के अन्य भागों के नौजवानों के साथ प्रतियोगिता कर रहे हैं. ऐसी घटनाएं उनको निरुत्साहित करती हैं.

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