बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तृणमूल कांग्रेस के यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने पर केंद्र में स्थिति को अत्यधिक नाजुक बताते हुए बुधवार को कहा कि जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा उसी को सरकार बनाने में समर्थन दिया जाएगा.
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर आयोजित की जाने वाली अधिकार रैली को लेकर पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय बेतिया के महाराजा स्टेडियम में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा ‘ममता बनर्जी ने समर्थन वापस ले लिया है, स्थिति बहुत ही नाजुक है.’
नीतीश ने कहा, ‘कांग्रेस के लोग जुगाड़ में माहिर हैं, जितना दिन यह सरकार (केंद्र की यूपीए सरकार) चलेगी उतनी ही दुर्दशा आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी होने वाली है.’
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर आगामी चार नवंबर को आयोजित की जाने वाली अधिकार रैली में पूरी ताकत लगाकर पटना पहुंचने का आहवान करते हुए नीतीश ने कहा कि जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा हम उसी को सरकार बनाने में मदद करेंगे.
उनके मुताबिक, ‘आज केंद्र की यूपीए सरकार आपकी ताकत नहीं समझ रहे हैं और एक-दो सांसदों वाली पार्टी की ओर ताकने वालों को अधिकार रैली में उमड़ने वाले जन सैलाब में बिहार के चालीस सांसद दिखाई देंगे और उन्हें आपकी ताकत समझ में आएगी.’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राजनैतिक जीवन में उन्होंने जितनी भी अपनी यात्रा और अभियान की शुरुआत की है वह चंपारण से की है और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए भी पश्चिमी चंपारण जिला मुख्यालय बेतिया से अधिकार रैली को लेकर अपनी यात्रा की शुरुआत की है, जो लगभग एक महीने तक प्रदेश में विभिन्न भागों में जारी रहेगी.
नीतीश ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर प्रखंड स्तर पर अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया है, और पिछले तीन-चार दिनों से प्रदेश में जारी बारिश के कारण जिलों में इसके आयोजन को लेकर जदयू के कार्यकर्ता चिंतित थे पर यह बारिश राहत की बारिश है क्योंकि इससे प्रदेश में सुखा की स्थिति में कमी आएगी.
उन्होंने कहा कि आज नहीं तो कल दिल्ली को हमारी बात माननी होगी और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना होगा. नीतीश ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर वर्ष 2006 में बिहार विधानमंडल में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा गया था.
उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर प्रधानमंत्री से सर्वदलीय शिष्टमंडल के मिलने के लिए समय मांगा गया था पर उसके लिए समय नहीं दिया गया.
नीतीश ने कहा कि जदयू ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने को एक अभियान के रूप में लिया और इस संबंध में जदयू शिष्टमंडल ने प्रदेश की जनता के सवा करोड हस्ताक्षर के साथ एक ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपा था.
उन्होंने कहा कि इसको लेकर अंतर मंत्रालय समूह का गठन किया गया पर उसने हमारी मांग को अस्वीकार कर दिया पर उसने हमारे पिछडे़पन को स्वीकारा है.
नीतीश ने कहा कि बिहार में प्रति व्यक्ति आय कम है और मानव विकास के मामले में और पूंजी निवेश के मामले में हम पीछे हैं ऐसे में प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि अधिकारियों की एक समिति बनाकर हमारी मांगों को स्वीकार करें.