दो वर्ष की प्रतीक्षा के बाद भ्रष्ट तरीके से करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने वाले निलंबित आइएएस अधिकारी एसएस वर्मा की जायदाद बिहार सरकार द्वारा जब्त किये जाने के साथ नीतीश कुमार का सपना पूरा हो गया.
पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बिहार सरकार ने वर्मा की तीन मंजिला मकान को कल जब्त कर अपनी संपत्ति घोषित कर दिया, जिसके बाद उसमें स्कूल खोलने का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना पूरा होने का रास्ता साफ हो गया. विशेष न्यायालय अधिनियम लागू होने के दो वर्ष बाद यह कार्रवाई हुई है.
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘बिहार की जनता भी इसका लंबे समय से इंतजार कर रही थी. मैंने अपनी चुनावी सभाओं के दौरान बार बार इसका जिक्र किया था इसलिए मुझे भी लंबे समय से इंतजार था.’
उन्होंने कहा कि बिहार में इस कदम का दूरगामी प्रभाव पड़ेगा. इसमें सामाजिक परिवर्तन की गुंजाइश दिखती है. लोगों की सोच में बदलाव आयेगा. अब कोई भी भ्रष्ट अधिकारी गलत तरीके से संपत्ति अर्जित करने से पहले सोचेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में आने के बाद राजग ने भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति जब्त करने का विशेष न्यायालय अधिनियम 2009 और सक्षम प्राधिकार बनाया.
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून और अपराध प्रक्रिया संहिता अपने आप में सक्षम कानून हैं. इससे कारगर तरीके से भ्रष्टाचार से निपटा जा सकेगा.
नीतीश कुमार ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति जब्त करने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा.
बीते 17 मार्च को विशेष अदालत ने वर्मा की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था जिसे निलंबित अधिकारी ने पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. बाद में 19 अगस्त को उच्च न्यायालय ने वर्मा की याचिका खारिज कर दी.