देश के विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा लगातार राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) का विरोध करने का सिलसिला जारी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आतंकवाद से निपटने के लिए बनाए जा रहे एनसीटीसी के विरोध में सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा तो ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मामले को राजनीतिक रंग देने के आरोपों को खारिज किया.
पटना में संवाददाताओं से बातचीत में नीतीश ने कहा कि एनसीटीसी के गठन का केंद्र का फैसला एकतरफा है, जिसमें राज्य सरकार की उपेक्षा की गई है. राज्य सरकारों से सलाह भी नहीं ली गई. यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला है.
उन्होंने कहा कि एनसीटीसी के गठन से इसके पास ऐसी ताकतें आ जाएंगी, जिससे राज्य सरकार के कामकाज में इसका दखल बढ़ेगा.
इस बीच पटनायक ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि उनका इरादा इस मामले का राजनीतिकरण करना नहीं कतई नहीं है, जैसा कि केंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों ने कहा है. बल्कि उनका इरादा सिर्फ एनसीटीसी का विरोध करना है. उन्होंने प्रधानमंत्री से वह इस मुद्दे पर राज्यों से वार्ता आरम्भ करें.
उधर, राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र स्थापित करने के केंद्र के प्रस्ताव पर एकबार फिर चिंता जताते हुए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने भी मांग की कि आपत्तिजनक आदेश को तत्काल वापस लिया जाए और केंद्र राज्यों के साथ सलाह-मशविरा की प्रक्रिया शुरू करे.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में उन्होंने जोर दिया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के हालिया आदेश के परेशान करने वाले प्रावधानों का गहन विश्लेषण करने और राज्यों के साथ सलाह-मशविरा करने की आवश्यकता है.
कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने यह कहते हुए एनसीटीसी के गठन का विरोध किया है कि यह राज्यों के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण होगा.