बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी ने चारा घोटाला मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जद (यू) सांसद शिवानंद तिवारी पर पैसा लेने को लेकर एक अखबार में छपी खबर का आज सदन में जिक्र किए जाने पर नीतीश ने कहा कि कोई सब्सटेंटिव मोशन के अंतर्गत इसे लाईए, उसका जवाब भी देंगे और उसकी बघिया भी उधेड़कर रख देंगे.
सदन में पेश बिहार लोकायुक्त विधेयक 2011 पर अपनी राय रखने के क्रम में एक अखबार में छपी उक्त खबर पर सिद्दिकी द्वारा सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग किए जाने पर उनकी ओर मुखातिब होकर नीतीश ने कहा, ‘आप लोग छपवाते भी हैं और बोलते भी हैं.’
नीतीश ने कहा, ‘अध्यक्ष ने इसकी इजाजत नहीं दी, कोई सब्सटेंटिव मोशन के अंतर्गत लाईए, उसका जवाब भी देंगे और उसकी बघिया भी उधेड़कर रख देंगे.’ उन्होंने कहा, ‘कोर्ट-कचहरी में फाईल किया, कोर्ट-कचहरी जवाब देगा लेकिन हमें हंसी उस बात पर आ रही है, जो नारे लग रहे थे जो रिकार्ड पर नहीं है यानी उससे एक बात तो साबित हो गया कि चारा की चोरी हुई थी.’
नीतीश ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि चारा चोर, तो एक बात साफ हो गई कि चारा की चोरी हुई थी और दूसरी बात कहा कि पैसा मिला फलां को, इसका मतलब कि और को भी मिला था.’ उन्होंने कहा कि जो सरकार में नहीं था, उसको मिला तो सरकार में जो था उसको तो पक्का मिला होगा.
नीतीश ने कहा, ‘यहां उन्होंने स्वीकार कर लिया कि चारा घोटाला हुआ था और उसमें पैसा खाया गया था.’
नीतीश ने कहा, ‘वही चीज 12-13 सालों हम देखते हैं, यहां सबकुछ पारदर्शी है, किसी को कोई चिंता नहीं है, हमको अगर कोई चिंता है तो बिहार के जनता की चिंता है.’ नीतीश ने कहा, ‘हमारा ट्रैक रिकार्ड बिहार की जनता के सामने है और पिछले सात सालों में जो कुछ भी हम लोगों ने किया है वह जनता देख रही है.’ नीतीश ने कहा कि मुझे अपने बारे में कहने और सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है, भारत सरकार में भी रहे और राज्य सरकार में भी इतने दिनों से हैं.
सिद्दिकी एक अखबार में छपी जिस खबर का हवाला दे रहे थे. उसके अनुसार गत महीने रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में मिथिलेश कुमार नामक एक याचिकाकर्ता ने नीतीश और शिवानंद पर इस आशय का आरोप लगाते हुए एक पुनर्विचार याचिका दायर की थी जिसमें नीतीश पर चारा मामले में दस करोड़ और शिवानंद पर दस लाख रूपये लेने का आरोप लगाया गया है.