scorecardresearch
 

'बिहार सरकार माओवादियों से वार्ता के लिए तैयार'

बिहार के लखीसराय जिले में गत रविवार को मुठभेड़ के दौरान बंधक बनाए गए चार पुलिसकर्मियों में से एक की हत्या कर दिए जाने की खबर के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है.

Advertisement
X

Advertisement

बिहार के लखीसराय जिले में गत रविवार को मुठभेड़ के दौरान बंधक बनाए गए चार पुलिसकर्मियों में से एक की हत्या कर दिए जाने की खबर के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है.

पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश ने बंधक बनाए गए एक पुलिसकर्मी की हत्या किए जाने संबंधी खबर के बारे में कहा कि यह सही है या नहीं, इस बारे में उन्हें पक्की सूचना नहीं है लेकिन वह मनाएंगे कि यह खबर सही नहीं हो. मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि बंधक बनाए गए चार पुलिसकर्मियों का क्या कसूर है. उन्होंने कहा कि किसी को बंधक बनाकर मोलतोल करना उच्च आदर्श या अच्छे सिद्धांत का परिचायक नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘हम दूसरों से केवल अपेक्षा कर सकते हैं और बातचीत के लिए कौन तैयार नहीं, हम तो तैयार बैठे हैं.’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हर हालत में मानवाधिकार की रक्षा करती है और इसके लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में मुख्यमंत्री के सम्मेलन में भी उन्होंने कहा था कि वामपंथी विचारधारा वाले माओवादी भी समाज के ही अंग हैं और उसी तरह पुलिस वाले भी समाज के अंग हैं. अवर निरीक्षक अभय यादव की पत्नी सहित बंधक पुलिसकर्मियों के परिजनों द्वारा उनके आवास के पास विलाप करने के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उनसे मिले थे और उन्हें ढांढस भी बंधाया था.

Advertisement

नीतीश कुमार ने नक्सलियों द्वारा बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों की सकुशल रिहाई के लिए देश भर के तमाम बुद्धजीवियों से इसमें रूचि लेने की अपील की. उन्होंने कहा कि पटना से कई बुद्धजीवियों ने अपील की है, पश्चिम बंगाल से महाश्वेता जी ने भी अपील की है. {mospagebreak}

उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी का दायित्व बनता है और यह ऐसी समस्या है जिसके बारे में लोगों को गंभीरतापूर्वक सोचना होगा. उल्लेखनीय है कि लखीसराय जिले में गत रविवार को मुठभेड़ के दौरान बंधक बनाए गए चार पुलिसकर्मियों में से एक अभय यादव की माओवादियों ने हत्या कर देने का दावा किया है. हालांकि सरकारी स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है.

नक्सलियों द्वारा बंधक बनाए गए पुलिसकमिर्यों में से एक की हत्या किए जाने की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री आवास के समीप सुरक्षा बढा दी गयी और उस ओर जाने वाले सभी मार्गो को सील कर दिया गया. हालांकि इसके कारणों को लेकर पदाधिकारी कुछ बताने से परहेज कर रहे हैं.

प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के स्वयंभू प्रवक्ता अविनाश ने बताया कि रिहाई के लिए दी गयी समय-सीमा के समाप्त होने के बाद बंधकों में से एक अभय यादव की उनकी कमेटी के आदेश पर हत्या कर दी गयी है. उन्होंने धमकी दी कि अगर जेलों में बंद उनके आठ साथियों को शुक्रवार सुबह 10 बजे तक सरकार नहीं छोड़ती तो अन्य बंधकों की भी हत्या कर दी जाएगी. अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) पी के ठाकुर ने स्पष्ट किया कि चारों बंधक सुरक्षित हैं और अभयपुर के पास जो शव मिला है, वह अभय यादव का नहीं है. {mospagebreak}

Advertisement

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की रिहाई के लिए पुलिस कार्रवाई जारी रहेगी. इससे पूर्व नक्सली प्रवक्ता अविनाश ने कहा था कि अभय यादव का शव जहां रखा जाएगा, उसकी सूचना स्थानीय थाना अथवा मीडियाकर्मी को दे दी जाएगी. इस बयान के बाद लखीसराय के अभयपुर थाना क्षेत्र में पुलिस को एक अज्ञात शव बरामद हुआ था.

अविनाश ने कहा कि इस मामले में नक्सलियों से बातचीत के लिए न तो किसी बाहरी व्यक्ति और न ही सरकार द्वारा कोई पहल की गयी है तथा बाकी बचे बंधकों के बारे में भी निर्णय उनकी कमेटी लेगी. केन्द्रीय गृह सचिव जी के पिल्लई की टिप्पणी के विपरीत नीलमणि ने स्पष्ट किया कि राज्य के पुलिस एवं प्रशासनिक स्तर पर इस संबंध में नक्सलियों से कोई बातचीत नहीं हुई है.

उधर राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने हालात को ठीक नहीं बताते हुए नक्सलियों से अपील की कि अगर वे हिंसा त्याग कर अहिंसा का रास्ता अपनाएं. उन्होंने कहा कि सिपाहियों का कोई कसूर नहीं होता, सरकार जहां भेजती है वे जाते हैं. उन्होंने कहा कि वे भी समाज का हिस्सा हैं.

Advertisement
Advertisement