लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख और राज्यसभा सदस्य रामविलास पासवान ने ‘नरेंद्र मोदी प्रकरण’ में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रवैए को दब्बू करार देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री कुमार यदि सचमुच अल्पसंख्यकों के हितैषी हैं तो वे नये हालात में भाजपा से अपने संबंधों को तत्काल स्पष्ट करें.
पासवान ने कहा, ‘भाजपा के प्रवक्ता बलबीर पुंज ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के काबिल बता कर नीतीश की पार्टी को चुनौती दी है. सेक्यूलर प्रधानमंत्री का मुद्दा छेड़ने वाले नीतीश कुमार का रवैया दब्बू किस्म का है. अगर ऐसा नहीं है तो उन्हें भाजपा के साथ अपनी पार्टी के संबंध को तुरंत स्पष्ट करना चाहिए.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के बारे में भाजपा और जनता दल यू के बीच तू-तू, मैं-मंै में भाजपा के वरिष्ठ नेता मौन हैं. इससे लगता है कि वे भी मोदी के पक्ष में है. ऐसे में बिहार मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि राजग के साथ उनकी पार्टी का क्या रिश्ता होगा.’
पासवान ने बिहार में अपने तीन दिन के कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है. उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति पद के लिए प्रणव मुखर्जी की उम्मीदवारी का प्रस्ताव करने वाले मुख्य प्रस्तावकों में हूं. मुझे कल उनकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव पेश करना है इसलिए हमने बिहार का अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया है.’
उन्होंने कहा कि नीतीश ने मोदी को लेकर जो राग छेड़ा वह ‘गुजरात विधानसभा चुनाव में मोदी के पक्ष में हवा बनाने में मदद करने का काम लगता है क्योंकि मोदी की रणनीति मतदाताओं के धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण की है.’
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार के उस बयान पर भाजपा और जद यू के बीच तीखी बयानबाजी का सिलसिला अभी थमा नहीं है कि ‘कोई धर्मनिरपेक्ष नेता ही भारत का प्रधानमंत्री हो सकता है.’ यह टिप्पणी करते समय नीतीश कुमार ने गुजरात के मुख्यमंत्री का नाम नहीं लिया था पर इससे उत्पन्न सारी बहस नरेंद्र मादी पर केंद्रित है.
मोदी फरवरी 2002 के गोधरा कांड के बाद से लगातार विवादों में घिरे हैं. भाजपा प्रवक्ता पुंज ने कल बड़ोदरा में कहा कि मोदी प्रधानमंत्री पद के काबिल हैं और भाजपा ने यह तय करने का ठेका किसी बाहरी व्यक्ति को नहीं दिया है कि उसके बीच धर्मनिरपेक्ष कौन है. भाजपा और जद यू ने इस प्रकरण के पटाक्षेप के लिए अपने प्रवक्ताओं को संयत रहने की सलाह दी है पर पुंज के बयान के बाद जद यू अध्यक्ष शरद यादव ने उस पर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जाहिर की है.