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काटजू ने दोहराया बयान, नीतीश ने नहीं दी प्रतिक्रिया

भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू के पत्रकारों की स्वतंत्रता पर दिए गए एक बयान के बाद बिहार की राजनीति गरम हो गई है. दूसरी ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काटजू के इस बयान पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं.

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू के पत्रकारों की स्वतंत्रता पर दिए गए एक बयान के बाद बिहार की राजनीति गरम हो गई है.

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काटजू ने शनिवार को बिहार के गया जिले में एक बार फिर अपने बयान को दोहराते हुए कहा कि बिहार में प्रेस आजाद नहीं है. दूसरी ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काटजू के इस बयान पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं. इधर, इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने भी सरकार पर हमला तेज कर दिया है. गया में काटजू ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बिहार में प्रेस आजाद नहीं हैं.

उन्होंने कहा, 'पत्रकारों का स्वतंत्रता के साथ खबर लिखना संवैधानिक अधिकार है परंतु बिहार में पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से समाचार लिखने पर सरकार उन्हें परेशान करती है.' इधर, बिहार में मीडिया की स्वतंत्रता पर पाबंदी के काटजू के बयान पर नीतीश ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

पटना मेडिकल कॉलेज के एक समारोह में भाग लेने पहुंचे मुख्यमंत्री से जब मीडियाकर्मियों ने इस सम्बंध में सवाल किया तो उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. मुख्यमंत्री ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि काटजू ने बिहार की सही तस्वीर को देश के सामने ला दिया है. सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है.

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इधर, इस मामले पर जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ हैं, और यह विश्लेषण तो जनता और पत्रकार ही करेंगे. उल्लेखनीय है कि पटना में शुक्रवार को एक समरोह में बोलते हुए काटजू ने कहा था, 'मुझे जो जानकारी मिली है वह प्रेस के लिए अच्छी नहीं है. अगर यहां कोई सरकार या सरकारी अधिकारी के खिलाफ लिख दे तो उसे परेशान किया जाता है.

उन्होंने कहा कि लालू के शासन काल से बिहार में विधि-व्यवस्था की स्थिति में सुधार जरूर हुआ है लेकिन प्रेस की आजादी कम हो गई है.' उन्होंने कहा कि लालू के शासनकाल में प्रेस यहां आजादी से काम करता था. उन्होंने कहा कि बिहार में अगर कोई पत्रकार सरकार के खिलाफ कुछ लिखता है तो सम्बंधित समाचार पत्र के मालिकों पर दबाव बनाकर उस पत्रकार को नौकरी से निकलवा दिया जा रहा है या उसे तंग करने की नियत से उसका स्थानांतरण करवा दिया जा रहा है.

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