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नीतीश की दूसरी पारी में भी सड़क निर्माण पर जोर

ऐसी कई सड़कें हैं जो आज बिहार के विकास की कहानी बयां कर रही हैं. बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर से बेतिया जाने के लिए जहां कुछ दिनों पहले लोगों को आठ घंटे का समय लगता था वहीं अब मात्र तीन घंटे में यह दूरी तय की जा रही है.

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

ऐसी कई सड़कें हैं जो आज बिहार के विकास की कहानी बयां कर रही हैं. बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर से बेतिया जाने के लिए जहां कुछ दिनों पहले लोगों को आठ घंटे का समय लगता था वहीं अब मात्र तीन घंटे में यह दूरी तय की जा रही है. इसी तरह अररिया से भटियानी तक की करीब 121 किलोमीटर की दूरी जहां लोग पांच से छह घंटे में पूरी करते थे वहीं अब लोग यह दूरी तीन घंटे में पूरी कर रहे हैं.

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बिहार की सत्ता में जब 6 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार आई थी, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि ऐसी सड़के बनाई जाएंगी कि राज्य में कहीं से भी लोगों को राजधानी पटना पहुंचने में चार से पांच घंटे लगें. आज कम से कम सड़क निर्माण के मामले में इस सरकार का यह वादा एक हद तक सच साबित हो रहा है.

नीतीश सरकार अपनी दूसरी पारी का एक वर्ष 26 नवम्बर को पूरा कर रही है. ऐसे में इस सरकार के पास सड़क के विकास के लिए कहने को काफी कुछ है. मधुबनी से सटे सुपौल जिले के निर्मली अनुमंडल जाने में अब मात्र आधे घंटे का समय लगता है जबकि यह दूरी बिना कोसी की धार पार किए और बालू की रेत पार किए नहीं पूरी हो सकती थी. कोसी नदी पर 418 करोड़ रुपये की लागत से बने एक पुल से लोगों को राहत मिली है.

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राज्य के पथ निर्माण विभाग के आंकड़ों की बात की जाए तो राज्य में पिछले छह वर्षो में 8,13,000 किलोमीटर पुख्ता सड़कों का निर्माण हुआ है. सड़क निर्माण में उल्लेखनीय विकास के लिए बिहार पथ निर्माण विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत को उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा सम्मानित भी किया गया.

बिहार के पथ निर्माण सचिव व राज्य पुल निर्माण निगम के निदेशक प्रत्यय अमृत ने बताया कि बिहार में कई ऐसी सड़कों और पुलों का निर्माण इस वर्ष कराया गया है जिससे लोगों को काफी सुविधा हुई है. वह कहते हैं कि कोसी नदी में महासेतु बन जाने से कोसी और मिथिलांचल का फिर से जुड़ाव हो गया है. पांच बड़े पुलों लोहिया सेतु, भागलपुर, कटौझा पुल, सीतामढ़ी के डुभ्भा घाट और लाभा पुल का निर्माण हो चुका है. इलाके के लोग भी कहते हैं कि जब यह पुल नहीं बना था तब पूर्णिया से मिथिलांचल जाने के लिए नेपाल होते हुए 237 किलोमीटर का सफर तय करना होता था या फिर रेल से पांच जिले पार करना पड़ते थे.

आंकड़ों के अनुसार नीतीश सरकार में इस निगम ने अब तक 750 पुल और 758 किलोमीटर से ज्यादा की सड़का का निर्माण पूरा किया है. पुल निर्माण निगम के एक अधिकारी के अनुसार आज निगम का फायदा 90 करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुका है. पथ निर्माण विभाग (आरसीडी) का बिहार राज्य सड़क विकास कारपोरेशन (बीएसआरडीसी) आधुनिक तकनीक वाले मोबाइल फोन से सड़क निर्माण कार्यों की निगरानी कर रहा है.

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राज्य के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव कहते हैं कि सरकार सड़क निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है. वह कहते हैं कि केंद्र सरकार ने भी राज्य की कुछ सड़कों के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है जिस कारण सड़क निर्माण में और गति आएगी. जानकार बताते हैं कि सड़क निर्माण में तेजी और विकास ने वर्तमान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार की पुर्नवापसी कराने में काफी भूमिका निभाई. इस कारण सरकार अपनी दूसरी पारी में भी सड़क निर्माण और उसके विकास में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती.

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