राजद प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने महादलित के नाम पर बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के विचारों को खंडित करने का काम किया है.
पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में राजद द्वारा आयोजित अम्बेडकर जयंती सह दलित एकता महासम्मेलन को संबोधित करते हुए लालू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने महादलित के नाम पर अम्बेडकर के विचारों को खंडित करने का काम किया है.
लालू ने कहा कि अम्बेडकर ने देश भर के दलितों को संगठित होने और एकजुट होकर संघर्ष करने का मूल मंत्र दिया था पर नीतीश ने महादलित के नाम पर उनके विचारों को खंडित करने का काम किया है.
राजद प्रमुख ने आरोप लगाया कि एक तरफ नीतीश अम्बेडकर की जयंती मनाते हैं वहीं दूसरी तरफ व्यवहारिक रूप से उनका क्रियाकलाप दलितों के विरूद्ध है.
उन्होंने कहा कि अगर नीतीश को दलित समुदाय के लोगों का उत्थान ही करना था तो पासवान (दुसाध) समुदाय के लोगों ने आखिर क्या क़सूर किया था कि बाकी सभी जातियों को महादलित में शामिल कर उन्हें शामिल नहीं किया.
{mospagebreak}भगवान बुद्ध के ‘बुद्धम शरणम गच्छामि, संघम शरणम गच्छामि’ उपदेश का जिक्र करते हुए इस समुदाय के लोगों से बुद्धिमान एवं चतुर बनने और अपनी एकता को मजबूत करने का कहा.
लालू ने कहा कि बिहार में विधानसभा का चुनाव सन्निकट है और ऐसे समय में विभिन्न पार्टी द्वारा उन्हें तरह-तरह का प्रलोभन दिया जाएगा और तोड़ने का काम किया जाएगा पर वे उसूलों के पक्के बनें और उनके प्रलोभन में न आएं.
लालू ने महिला आरक्षण बिल को एक साजिश बताते हुए कहा कि तीन चुनाव के बाद एक भी मजबूत पुरूष प्रत्याशियों के लिए एक भी सीट नहीं बचेगा. उन्होंने कहा कि वे महिला आरक्षण बिल का विरोध नहीं करते बल्कि उसके वर्तमान स्वरूप का विरोध कर रहे हैं.
राजद प्रमुख ने कहा कि महिलाओं को 50 अथवा 70 प्रतिशत तक आरक्षण दे दिया जाए उसमें उन्हें आपत्ति नहीं है लेकिन वह उसमें मुस्लिम दलित पिछडे एवं अत्यंत पिछड़े वर्ग की युवतियों का प्रतिनिधित्व चाहते हैं.
{mospagebreak}लालू ने कहा कि आरक्षण समाज के वैसे लोगों को दिया जाता है जो कि अपने स्तर से सदन तक नहीं पहुंच सकते. वैसी महिलाओं के लिए महिला आरक्षण बिल में प्रावधान किया जाए, उनकी पार्टी उसका समर्थन करेगी.
राजद प्रमुख ने बिहार सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए दावा किया कि प्रदेश में हजारों लोग भूख से मर गए पर यहां की सरकार केंद्र द्वारा बीपीएल परिवारों के लिए आवंटित अनाज का 40 प्रतिशत भी उठाव नहीं कर सकी.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगातार घट रही आगलगी की घटनाओं का जिक्र करते हुए लालू ने प्रदेश में पर्याप्त संख्या में अग्निशमन विभाग के दमकलों का अभाव बताया.
लालू ने कहा कि गर्मी के इस मौसम में जहां लोगों को पीने का पानी मयस्सर नहीं है वहीं गरीबों को पेट की आग बुझाने के लिए अनाज नहीं मिल रहा है.
लालू ने कहा कि एक तो प्रदेश में मजदूरों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत काम नहीं मिल रहा है. अगर किसी प्रकार से मजदूरी कर वे कुछ पैसा कमाते हैं तो प्रदेश सरकार द्वारा गांव-गांव में शराब की दुकान खोल दिए जाने से वह उसकी भेंट चढ़ जा रहा है और जिससे गांवों में घरेलू कलह बढा है. उन्होंने कहा कि बिहार में शराब ठेका आवंटन में जब घोटाला होने की बात विभागीय मंत्री ने उठाई तो प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उसकी सीबीआई से जांच कराने से इंकार कर दिया.
{mospagebreak}लालू ने कहा कि प्रदेश सरकार के महादलित समुदाय के लोगों को आवास निर्माण के लिए तीन डिस्मिल जमीन उपलब्ध कराने के आश्वासन को एक छलावा बताते हुए कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में सभी वैसे भूमिहीन ग्रामीणों को आवास के लिए भूमि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया था.
उन्होंने कहा कि चंद लोगों को खुश करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने सीलिंग की सीमा को खत्म कर शहरी इलाके में गरीबों को रोजगार के लिए भूमि दिए जाने के उनकी सरकार के निर्णय को उलट दिया.
बिहार की नीतीश सरकार पर शिक्षा को चौपट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे शिक्षकों की नियुक्त कर दी जो कि बच्चों को इस प्रतियोगिता के युग में गुणवत्ता वाली शिक्षा नहीं दे सकते.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए लोजपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि दलित समुदाय के लोगों को यह समझना होगा कि महादलित के नाम पर जो रोटी का टुकड़ा प्रदेश सरकार देने की बात कर रही है वह एक छलावा है.
पासवान ने कहा कि इस समाज के लोगों को यह समझना होगा उनका असली हितैषी कौन है क्योंकि प्रदेश सरकार महादलित के नाम उनकी एकता को तोड़ने के प्रयास में लगी है.