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नीतीश को 'कालनेमि' जैसे लगते हैं 'विरोधी'

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि कुछ लोग राज्य में उत्साह के माहौल को निराशा में बदलने के लिए ‘कालनेमि’ की तरह घूमते रहते हैं.

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि कुछ लोग राज्य में उत्साह के माहौल को निराशा में बदलने के लिए ‘कालनेमि’ की तरह घूमते रहते हैं.

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बिहार में हो रहा है विकास
बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के एक कार्यक्रम में नीतीश ने कहा, ‘बिहार में माहौल बदल रहा है और विकास हो रहा है, लेकिन कुछ लोग उत्साह के वातावरण को निराशा में बदलने के लिए रामायण के पात्र ‘कालनेमि’ की तरह घूमते रहते हैं. कहीं से अवतरित हो जाते हैं और कुछ प्रवचन देकर चलते जाते हैं.’

कहीं काटजू पर तो कटाक्ष नहीं?
भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में राजग सरकार पर लोगों का विश्वास खो देने का कथित रूप से आरोप लगाया था. काटजू ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते कहा था कि मुख्यमंत्री अब बिहार के लोगों का विश्वास खो चुके हैं. उनके खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. वह इससे पहले भी नीतीश पर प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर हमला कर चुके हैं.

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दिलाई 'कालनेमि' की याद
हालांकि नीतीश के इस बयान से यह स्पष्ट नहीं हो सका कि उनका इशारा काटजू के कथन पर था या कुछ और था. नीतीश ने कहा कि रामायण के पात्र ‘कालनेमि’ ने श्रीराम के भाई लक्ष्मण को बचाने के लिए संजीवनी लाने गये हनुमान को गुमराह करने का प्रयास किया था. अपनी माया फैलायी थी ताकि हनुमानजी संजीवनी लाने में सफल न हो सके.

नहीं टूटेगा बिहारियों का मनोबल
नीतीश ने कहा, ‘बहुत से लोग न जाने क्यों बिहार में लोगों को निराश करने के प्रयास में और माहौल बिगाड़ने के प्रयास में लगे रहते हैं. भले वे ही कहीं से अवतरित होकर प्रवचन देकर चले जाएं, लेकिन बिहारियों का मनोबल टूटने वाला नहीं है. राज्य में बेहतर माहौल बना है और चारों ओर विकास हो रहा है.’

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