scorecardresearch
 

बिहार को हर हाल में विशेष राज्य का दर्जा मिले: नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि बिहार को हर हालत में विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए.

Advertisement
X

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि बिहार को हर हालत में विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए. राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में भाग लेकर पटना लौटे नीतीश ने पत्रकारों से बाते करते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाना चाहिए क्योंकि यहां प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत का 1.3 है जबकि दिल्ली में यह 1.7 है.

Advertisement

उन्होंने कहा कि बिहार एवं अन्य पिछड़े राज्य जो राष्ट्रीय औसत से पीछे है उन्हें ऊपर ले जाने के लिए विशेष सहायत मिलनी चाहिए. नीतीश ने कहा कि तमाम बाधाओं के बावजूद बिहार तरक्की की राह पर है. यही उपयुक्त अवसर है जबकि बिहार को विशेष मदद दी जानी चाहिये. उन्होंने कहा कि हम मेहनत कर रहे हैं, तेजी से बेहतर सर्वोच्च विकास का दर हासिल कर रहे हैं.

नीतीश ने कहा कि बिहार में आय और निवेश दोनों ही कम हैं. ऐसी स्थिति में बिहार में सार्वजनिक और निजी निवेश की अत्यधिक जरूरत है. उन्होंने कहा कि एनडीसी की बैठक 12वें पंचवर्षीय योजना के लिये दृष्टिकोण पर सहमति के लिये बुलायी गयी थी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पंचवर्षीय योजना में विकास का दर 9 प्रतिशत रहे इस पर आम सहमति बनी है. उन्होंने कहा कि हमारी योजना का एप्रोच क्या हो और किस प्रकार की योजना होनी चाहिए के संबंध में भी बैठक में अपना विचार रखा और कहा कि हमारा फेडरल ढांचा है. नीतीश ने कहा कि राज्यों को विकास का काम ज्यादा करना पड़ता है किन्तु केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की संख्या बढ़ रही है.

Advertisement

उन्होंने कहा कि केन्द्र ही योजनाओं का आकार और प्रकार तय कर देता है जिससे राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ जाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पास सीमित साधन है उन्हें संसाधन उपलब्ध कराया जाना और केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की संख्या में कमी लायी जानी चाहिये. उन्होंने कहा कि राज्यों को योजनाओं में ज्यादा छूट मिलनी चाहिये ताकि राज्य अपनी जरूरतों के अनुसार योजनाओं में परिवर्तन कर सके.

नीतीश ने कहा कि बजटीय सहायता 11वीं पंचवर्षीय योजना में घटी है और 12वीं पंचवर्षीय योजना में इसे और कम किये जाने का प्रस्ताव है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस विषय पर उन्होंने स्पष्ट रूप से अपनी बातों को एनडीसी की बैठक में रखी और राज्यों के बजटीय सहायता में वृद्धि किये जाने की मांग की है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे नीति संबंधी उपयोगी और व्यावहारिक सुझाव देते है मानना न मानना केन्द्र का काम है. उन्होंने कहा कि बीपीएल को खत्म कर दिया है, अलग-अलग समूह को पृथक कर लाभ दिये जाने हैं. इसलिये समूह की पहचान के लिये निर्वाचन आयोग की तरह स्वतंत्र आयोग बनाया जाना चाहिए. नीतीश ने कहा कि स्वतंत्र आयोग होगा तो लोगों का विश्वास बढ़ेगा जो कुछ देना है किसको देना है कि पहचान सूची केन्द्र को बनानी है.

Advertisement

उन्होंने कहा कि यदि इस सूची का निर्माण स्वतंत्र आयोग द्वारा किया जाता है तो यह काम आसान हो जायेगा और लोगों को शिकायत नहीं होगी और इस विषय पर राष्ट्रीय सहमति होनी चाहिये क्योंकि डिलेवरी पहुंचाने का काम राज्यों का होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को अंतर मंत्रालय समूह के गठन किये जाने के लिये धन्यवाद दिया है.

उन्होंने कहा कि अंतर मंत्रालय समूह हमारे वाजिब मांगों पर अनुकूल निर्णय लेगा ऐसा उन्हें विश्वास है. नीतीश ने कहा कि उन्हें आशा है कि अंतर मंत्रालय समूह अपना काम करेगा और बिहार को न्याय मिलेगा. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा उठाये गये बिन्दुओं पर व्यापक समर्थन मिला, यहां तक कि प्रधानमंत्री ने कहा कि उठाये गये बिन्दु गौर किये जाने योग्य हैं.

Advertisement
Advertisement