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मुस्लिम आरक्षण कांग्रेस का समाज बांटने का हथकंडाः नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत मुसलमानों को साढ़े चार फीसदी आरक्षण दिए जाने के केंद्र के निर्णय को आंख में धूल झोंकने वाला और सैद्धांतिक तौर पर समाज को बांटने और एकता को तोड़ने वाला बताया है.

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत मुसलमानों को साढ़े चार फीसदी आरक्षण दिए जाने के केंद्र के निर्णय को आंख में धूल झोंकने वाला और सैद्धांतिक तौर पर समाज को बांटने और एकता को तोड़ने वाला बताया है.

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अपनी सेवा यात्रा के नौवें पड़ाव पूर्णिया के लिए प्रस्थान करने से पूर्व पटना हवाई अड्डे पर नीतीश ने अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत मुसलमानों को साढ़े चार फीसदी आरक्षण दिए जाने के केंद्र के निर्णय को आंख में धूल झोंकने वाला और सैद्धांतिक तौर पर समाज को बांटने और एकता को तोड़ने वाला बताया.

उन्होंने कहा, ‘पिछड़े वर्ग की सूची में इस्लाम धर्म मानने वाले कई जातियां शामिल हैं. कांग्रेस जब भी आती है तो बांटने वाली नीति लाती है. ‘फूट डालो और राज करो’ की प्रवृति कांग्रेस की है.’

नीतीश ने कहा कि संविधान में संशोधन कर आरक्षण की सीमा को बढ़ा सकते हैं. मुस्लिम समाज में पिछड़ापन को देखते हुए आरक्षण का कोई इंतजाम किया जाता है तो इसका वे सम्मान करेंगे. सच्चर और रंगनाथ आयोग ने भी मुसलमानों के पिछड़ेपन की बात अपने प्रतिवेदन में कही है.

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मणिपुर में होने वाले चुनाव को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में नीतीश ने कहा कि जिस गठबंधन में राजद शामिल होगा उससे उनकी पार्टी जदयू बाहर रहेगी. यह जदयू की राष्ट्रीय नीति है. उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव से जुड़े एक प्रश्न का उत्तर देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि इस चुनाव में जदयू-भाजपा का गठबंधन नहीं है.

उन्होंने कहा कि यह कोई जरूरी नहीं कि हर राज्य, हर जगह, हर बार चुनाव में गठबंधन हो जाए. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने अपने बलबूते अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है और सभी सीट पर या कुछ सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे. बिहार के लोग इसका समर्थन करेंगे.

भ्रष्टाचार को लेकर उत्तर प्रदेश की मायावती मंत्रिमंडल से निष्कासित बाबू सिंह कुशवाहा को भाजपा में शामिल किए जाने को लेकर नीतीश ने कहा कि इस निर्णय का उक्त पार्टी के भीतर भी अंतर विरोध पाया जा रहा है, क्योंकि यह निर्णय उचित नहीं है और यह स्वस्थ एवं उचित परिपाटी नहीं है.

बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर पूछे गए प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भाजपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन अटूट है, क्योंकि वर्ष 1996 से मिलकर चुनाव लड़ते हैं और सरकार भी मिलकर चलाते हैं.

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