आज बिहार की राजधानी पटना में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं. पटना के गांधी मैदान में उनकी अधिकार रैली है जिसमें केंद्र से बिहार के लिए विशेष दर्जा दिए जाने की मांग की जाएगी.
जनता दल (युनाइटेड) की अधिकार रैली के माध्यम से न केवल बिहार का नया चेहरा दिखेगा बल्कि बिहारियों की सजगता का एहसास कराते हुए बिहार अपने अधिकार की बात करेगा.
ऐसा नहीं कि बिहार में इतनी बड़ी रैली कभी नहीं हुई है परंतु बिहार की अस्मिता के प्रश्न को लेकर अब तक कोई रैली नहीं हुई है. आजादी की लड़ाई, किसान आंदोलन से लेकर ज़े पी़ आंदोलन तक पटना का गांधी मैदान बिहारियों के जुझारूपन का गवाह बनता रहा है लेकिन बिहारीपन का एहसास इन रैलियों से गायब रहा था.
जेडीयू के सता में आने के बाद 'गर्व से कहो हम बिहारी हैं' तथा 'बिहारी कहलाना अब अपमान नहीं शान की बात है' जैसे जुमलों ने बिहारियों को अपनी अस्मिता की लड़ाई के लिए न केवल एकजुट किया बल्कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को सभी बिहारियों के हक से जोड़कर देखा जाने लगा.
यही कारण है कि विशेष राज्य का दर्जा के मुद्दे पर न विपक्ष से कोई दल सामने आया और न ही कोई इसके खिलाफ बयान दिया. यह दीगर बात है कि इस मुद्दे को सबसे पहले लाने का श्रेय लेने के लिए प्रत्येक राजनीतिक दल के लोगों में होड़ मच गई.
महारैली की तैयारियां
बिहार के प्रत्येक इलाके से आने वाले लोगों के लिए रेलगाड़ियों और बसों की व्यवस्था की गई है. दानापुर रेल मंडल के प्रबंधक एल़ एम़ झा कहते हैं कि सात रैली स्पेशल ट्रेनें बुक कराई गई हैं. भागलपुर, कटिहार, किशनगंज, सहरसा, रक्सौल, पूर्णिया से ये ट्रेनें खुलेंगी.
गांधी मैदान में 150 फुट की लम्बाई और 40 फुट चौड़ाई का मंच तैयार किया गया जिससे आगंतुक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुंकार भरेंगे.
अधिकार रैली में आने वाले लोगों में से 30 हजार लोगों को गांधी मैदान में ही ठहराने की व्यवस्था की गई है जबकि जेडीयू के मंत्रियों और विधायकों के यहां भी आने वाले लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है. रैली में भाग लेने वाले लोगों के लिए ठेकुआ, पूरी-सब्जी, दाल-भात से लेकर लिट्टी-चोखा तक का इंतजाम किया गया है.
जेडीयू के एक नेता की मानें तो पूरे गांधी मैदान में 750 स्पीकर और 22 एलसीडी स्क्रीन लगेंगे वहीं करीब 25 हजार बस और निजी वाहन से लोग पटना रैली में भाग लेने आएंगे.
दो किनारों पर खड़े हैं बिहार में सत्तारुढ़ दोनों दल
जेडीयू खुश है तो बीजेपी में गम का माहौल है. जेडीयू में नीतीश की रैली को लेकर उत्साह है तो बीजेपी अपने वरिष्ठ नेता कैलाशपति मिश्र के निधन पर शोक में डूबी है. लेकिन नीतीश को अपने सहयोगी पार्टी के गमों की परवाह नहीं, जाहिर है सवाल खड़े होंगे.
रैली के दिन नरेंद्र मोदी भी बिहार में
बिहार से परहेज करने वाले नरेंद्र मोदी कैलाशपति मिश्र को श्रद्धांजलि देने पटना पहुंच रहे हैं. वो भी गुजरात में राजकीय शोक का ऐलान करने के बाद. ऐसे में बिहार बीजेपी नीतीश से सवाल पूछ रही है कि बिहार में राजकीय शोक क्यों नहीं.