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शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में भारतीय संस्थान क्यों नहीं: प्रणब

विश्व के शीर्ष 200 शिक्षा संस्थानों में किसी भारतीय विश्वविद्यालय का नाम न होने पर चिंता जाहिर करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश के प्रमुख शैक्षिक संस्थानों को सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल होने के प्रयास करने चाहिए.

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प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी

विश्व के शीर्ष 200 शिक्षा संस्थानों में किसी भारतीय विश्वविद्यालय का नाम न होने पर चिंता जाहिर करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश के प्रमुख शैक्षिक संस्थानों को सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल होने के प्रयास करने चाहिए.

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प्रणब ने शनिवार को आईआईटी-खड़गपुर के 58वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में कहा, 'मैं हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट में प्रमुख भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) सहित किसी भी भारतीय विश्वविद्यालय का विश्व के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों की सूची में नाम न होने पर अपनी बेचैनी व्यक्त कर रहा हूं.'

उन्होंने कहा, 'आप रिपोर्ट के ऊपर सवाल उठा सकते हैं, लेकिन मेरे लिए महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि हम उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति होने के बावजूद अपने मानकों को इतना बढ़ाने में सक्षम क्यों नहीं हैं कि बिना किसी विवाद के शीर्ष 10, या शीर्ष 50 या शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में हमारे किसी संस्थान का नाम होता.'

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 तक आईआईटी-खड़गपुर 20 वैश्विक संस्थानों में शीर्ष पर होगा. उन्होंने कहा कि अन्य प्रमुख भारतीय शैक्षिक संस्थानों को भी ऐसी ही उपलब्धियां हासिल करने के लिए प्रयास करना चाहिए.

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प्रणब ने कहा, 'हमारी असली क्षमता को साबित करने के लिए यह आवश्यक है कि अब हम उत्साह के साथ अपने छात्रों को वैज्ञानिक मनोदशा के साथ विकसित करें. यह आवश्यक है कि बिना देर किए हम प्रतिस्पर्धी कीमत पर आधुनिक प्रौद्योगिकी अपनाएं, जो हमारे उद्योगों, व्यापार व व्यावसायिक क्षेत्र के लिए वरदान होगी.'

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