नोबाल विवाद से नाराज श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को शतक बनाने से महरूम रखने में भूमिका निभाने के लिए बुधवार को अपने खिलाड़ियों को सजा देते हुए स्पिनर सूरज रणदीव को एक मैच के लिए निलंबित कर दिया जबकि तिलकरत्ने दिलशान पर जुर्माना लगाया.
कप्तान कुमार संगकारा को भी फटकार लगाते हुए हिदायत दी गई कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं दोहराई जाएं. एसएलसी ने एक बयान में कहा, ‘सूरज रणदीव को न्यूजीलैंड के खिलाफ अगले मैच के लिए निलंबित कर दिया गया है और भारत और श्रीलंका के बीच 16 अगस्त 2010 को हुए मैच की उनकी मैच फीस जब्त कर ली गई है.’
उन्होंने कहा, ‘इस मुद्दे पर तिलकरत्ने दिलशान के हस्तक्षेप के कारण इस मैच की उनकी मैच फीस भी जब्त कर ली गई है.’ बयान में कहा गया है, ‘इसके अलावा कप्तान कुमार संगकारा को भी सलाह दी गई है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं दोहराई जाएं जिससे क्रिकेट का खेल बदनाम हो और खेल भावना प्रभावित हो.’ {mospagebreak}
खिलाड़ियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का फैसला छह सदस्सीय समिति ने किया जिसने बुधवार को टीम मैनेजर की सिफारिश पर कार्रवाई करने के लिए बैठक की. टीम मैनेजर ने नोबाल प्रकरण की जांच की थी. बयान में कहा गया, ‘श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड अपनी टीम और वषरें से उसके प्रदर्शन पर गर्व है. यह सर्वोच्च है कि भद्रजनों के खेल का अनुशासन बनाये रखा जाये, विशेषकर तब जब श्रीलंका क्रिकेट लगातार दो साल से ‘आईसीसी स्प्रिट आफ द गेम’ का विजेता है.’
सहवाग जब अपने 13वें शतक से सिर्फ एक रन दूर थे तब इस सत्र में टेस्ट या एकदिवसीय मैचों में एक भी नोबाल नहीं फेंकने वाले रणदीव ने नोबाल फेंकी जिस पर इस सलामी बल्लेबाज ने छक्का जड़ दिया. हालांकि इस छक्के के रन सहवाग को नहीं मिले क्योंकि भारत को जीत के लिए एक रन की दरकार थी जो उसे नोबाल से मिल गया. इससे सहवाग 99 रन पर नाबाद रह गये.
नोबाल विवाद से शर्मसार श्रीलंका क्रिकेट ने मंगलवार को टीम मैनेजर अनुरा टेनेकून को प्रकरण की जांच करने को कहा जबकि एसएलसी के शीर्ष अधिकारियों ने विवाद को शांत करने के लिए माफी भी मांगी. इस माफी के बाद भारतीय टीम प्रबंधन ने घोषणा की कि यह विवाद अब ‘बंद अध्याय’ है जबकि बीसीसीआई ने भी कहा कि वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाएगा.