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'बिहार में 36 जिलों में बैंकिंग की सुविधाएं नहीं'

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य के 38 जिलों में से 36 जिलों में आबादी के अनुपात में बैंक की पर्याप्त शाखाएं नहीं है.

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बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य के 38 जिलों में से 36 जिलों में आबादी के अनुपात में बैंक की पर्याप्त शाखाएं नहीं है.

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राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की 40वीं बैठक के बाद मोदी ने संवाददाताओं से कहा, ‘बिहार के 38 जिलों में से 36 जिलों में आबादी के अनुपात में बैंक की पर्याप्त शाखाएं नहीं हैं, जबकि राज्य के लोग जमा पूंजी के मामले में अब भी बैंकों पर ही अपना भरोसा जताते हैं. 31 मार्च 2012 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, राज्य के लोगों ने 1.38 लाख करोड़ रुपये बैंकों में जमा किये थे.’

उन्होंने बताया कि केवल पटना और अरवल ही दो ऐसे जिले हैं, जहां आबादी के अनुपात में बैंक की पर्याप्त शाखाएं हैं. इन दो जिलों में आबादी के अनुपात में लोगों को बैंक की सुविधाएं संतोषजनक है.

मोदी ने कहा कि ‘अंडर बैंक्ड’ जिलों में भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों के अनुरुप अल्ट्रा स्माल ब्रांचेंज खोलने के प्रयास जारी हैं. राज्य में प्रति 21358 व्यक्ति पर बैंक की एक शाखा है जिसे बढ़ाने की दरकार है.

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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी सेवाओं के लिए लोगों को बड़ी संख्या में बैंकों से काम पड़ता है, लेकिन निचले स्तर पर राज्य में बैंकों का माइक्रो मैनेजमेंट सही नहीं है. आवेदन करने वालों को रसीद नहीं दी जाती. समय पर सेवाएं नहीं मिलती हैं. बैंकों ने भरोसा दिया है कि पांच हजार से अधिक आबादी वाले बिना बैंक शाखा के 1727 गांवों में 30 सितंबर 2012 तक ईंट और गारे की शाखाएं खुल जाएंगी.

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