गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को माना कि नक्सल समस्या के वार्ता के जरिए समाधान के लिहाज से स्थिति जस की तस बनी हुई है और बातचीत की सरकार की पेशकश पर नक्सलियों की ओर से कोई ठोस सकारात्मक जवाब अब तक नहीं आया है.
नक्सलियों को बातचीत की पेशकश, आजाद के मारे जाने के बाद इस पेशकश पर असर पड़ने और नक्सल हिंसा समाप्त करने से जुडे सवालों पर चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि बातचीत करने की दिशा में फिलहाल स्थिति में कोई प्रगति नहीं हुई है. स्थिति पहले जैसी ही है. हम अभी भी इस पेशकश को दोहराना चाहेंगे कि नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़ें तो सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार है.’
उन्होंने अपने मंत्रालय का अगस्त महीने के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में एकीकृत कमान का गठन किया जा चुका है. चिदंबरम ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों को 23.54 करोड़ रुपये की राशि मुहैया करायी गयी है. विशेष पुलिस अधिकारियों को दिये जाने वाले मेहनताने की राशि 1500 रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये महीना कर दी गयी है. {mospagebreak}
विशेष पुलिस अधिकारियों को दिये जाने वाले मेहनताने में केन्द्र और राज्यों की हिस्सेदारी 80 और 20 प्रतिशत तय की गयी है. उन्होंने बताया कि भाकपा-माओवादी हिंसा से प्रभावित राज्यों के लिए विशेष पुलिस अधिकारियों के 12 हजार अतिरिक्त पद स्वीकृत किये गये हैं. इनमें से आंध्र प्रदेश के लिए 1500, छत्तीसगढ़ के लिए 3000, झारखंड के लिए 3000, महाराष्ट्र के लिए 1500 और उड़ीसा के लिए 3000 पद हैं.
राज्यों के पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन में गृहमंत्री ने इस बात पर अफसोस जताया था कि केंद्र सरकार की ओर से की गई वार्ता की पेशकश पर माओवादियों ने कोई प्रत्यक्ष या विश्वसनीय जवाब नहीं दिया है. उन्होंने कहा था, ‘हमने भाकपा माओवादियों से हिंसा छोड़कर बातचीत करने के लिये आगे आने को कहा था. (लेकिन) मुझे अफसोस है कि हमारी बातचीत की पेशकश पर कोई प्रत्यक्ष और विश्वसनीय जवाब नहीं मिला.’
उन्होंने कहा था कि सरकार नक्सली हिंसा से निपटने के लिये विकास और पुलिस कार्रवाई की दो स्तरीय रणनीति अपनाने के लिये प्रतिबद्ध है. यह पूछने पर कि क्या बातचीत से नक्सल समस्या का हल निकल आएगा, चिदंबरम ने कहा कि वह इस बारे में दावा नहीं कर सकते कि बातचीत से समाधान निकलेगा लेकिन समाधान निकालने के लिए पहले बातचीत तो करनी ही होगी.