योगगुरु बाबा रामदेव ने अन्ना हजारे की टोली के साथ दरार की अटकलों को खारिज करते हुए अपने समर्थकों से नई दिल्ली में बुधवार को अन्ना के एक दिन के सत्याग्रह में शामिल होने के लिए कहा.
इस बीच प्रशासन ने अन्ना हजारे को बुधवार दिन में 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक के लिए अनशन करने की अनुमति दे दी है. प्रशासन ने यह पहले ही निर्धारित कर दिया है कि अनशन कुल 7 घंटे तक का ही होगा.
अनशन के मुद्दे पर रामदेव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उनके (अन्ना हजारे के) साथ हैं. अन्ना और मेरे बीच कोई मतभेद नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अन्ना के आंदोलन में शामिल होने के लिए हमारे हजारों कार्यकर्ता दिल्ली जाएंगे. हमें इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. उसने (सरकार ने) लोकपाल विधेयक के आंदोलन को दबा दिया.’’
हजारे और लोकपाल विधेयक मसौदा समिति में शामिल समाज के अन्य सदस्य शनिवार की रात रामलीला मैदान में रामदेव के सत्याग्रह पर पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में बुधवार को एक दिन के अनशन पर बैठेंगे.
रामदेव ने कहा कि वह तब तक अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे, जब तक सरकार कालेधन और भ्रष्टाचार पर उनकी मांगों को नहीं मान लेती. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अनशन चार जून से चल रहा है. इस बारे में कोई संशय नहीं होना चाहिए. यह तब तक चलेगा जब तक पूरा देश भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ एक नहीं हो जाता. हम इस सरकार को जगाने के लिए सत्याग्रह कर रहे हैं. यदि वह नहीं जागती तो पूरे देश में विरोध प्रदर्शन होंगे.’’
रामदेव ने कहा कि उनके अनेक समर्थक दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं और उन्होंने सरकार से उनके नाम देने को कहा है ताकि वह उनकी मदद कर सकें.
रामदेव ने कहा, ‘‘मुझे पता चला है कि कुछ समर्थक तिहाड़ जेल में हैं. उन सभी लोगों की सूची हमें दी जाए ताकि हम उनके लिए कुछ कर सकें.’’
योगगुरु ने कहा, ‘‘पुलिस सहयोग नहीं कर रही है, दरअसल वे हमारे लोगों को शिकायत करने के खिलाफ धमका रहे हैं. हमें इन निर्दोष लोगों पर हुए अत्याचार का ब्योरा पता करने में पांच से सात दिन लग सकते हैं.’’
उन्होंने कहा कि रामलीला मैदान में पुरुषों, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को बर्बरता से पीटा गया. ऐसा ब्रिटिश काल में भी नहीं हुआ.
रामदेव ने कहा, ‘‘देश के 624 जिलों में हमारे समर्थक पहले ही अनशन पर हैं. हमारा उपवास जारी रहेगा लेकिन मैंने छोटे बच्चों, बीमार और बहुत वृद्ध लोगों को अनशन पर नहीं बैठने को कहा है.’’ उन्होंने सरकार द्वारा खुद को मारने की साजिश की भी बात दोहराई.
इस बीच शहीद भगत सिंह के परिजनों ने भी रामदेव के प्रति समर्थन जताया है. भगत सिंह के वंशज अभय भगत ने कहा, ‘‘हम बाबा रामदेव को समर्थन जताने आये हैं. अंग्रेजों ने हमें छोड़ दिया लेकिन अब काले अंग्रेज हम पर शासन कर रहे हैं.’’