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माओवादियों को चीन से धन मिलने के सुबूत नहीं: चिदंबरम

सरकार ने कहा कि माओवादियों को राष्ट्र विरोधी ताकतो या चीन सहित विदेशी शक्तियों से समर्थन मिलने के कोई सुबूत नहीं हैं, हालांकि, वह इस पहलू पर नजर रखे हुए है और साक्ष्य मिलने पर कार्रवाई करेगी.

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सरकार ने कहा कि माओवादियों को राष्ट्र विरोधी ताकतो या चीन सहित विदेशी शक्तियों से समर्थन मिलने के कोई सुबूत नहीं हैं, हालांकि, वह इस पहलू पर नजर रखे हुए है और साक्ष्य मिलने पर कार्रवाई करेगी.

गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को राज्सभा में सवालों के जवाब में कहा कि माओवादी देश के भीतर अवैध तरीके से धन उगाही कर अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं.

उन्होंने कहा कि भाकपा (माओवादी) के सदस्य भारत के भीतर धन की उगाही करते हैं. वे बैंक लूटते हैं या फिर अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में कारोबार चलने देने के लिये लोगों से अवैध वसूली करते हैं.

उन्होंने महेंद्र मोहन के पूरक सवाल के जवाब में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि अभी हाल ही में माओवादियों ने उड़ीसा में भारतीय स्टेट बैंक की 49 लाख रुपये की राशि लूट ली थी. इस मामले की जांच की जा रही है. अब तक ऐसे कोई सबूत नहीं हैं जो ये संकेत देते हों कि माओवादियों को विदेशों से आर्थिक मदद मिल रही है.

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चिदंबरम ने कहा कि गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत 34 उग्रवादी संगठनों को प्रतिबंधित किया गया है. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकवादी संगठनों पर भी प्रतिबंध लागू किया जाता है.

किसी भी प्रतिबंधित संगठन या उसके किसी मुखौटा संगठन को विदेशी योगदान नियमन अधिनियम 1976 के तहत विदेशों से धनराशि हासिल करने की अनुमति नहीं दी गयी है.

उन्होंने कहा कि जब कभी कोई गैर सरकारी संगठन इस अधिनियम के तहत पूर्व अनुमति’ या पंजीयन’ चाहता है तो अनुमति बिना छानबीन के नहीं दी जाती.

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