scorecardresearch
 

नेपाल की शांति प्रक्रिया में कोई विदेशी दखल नहीं: भारत

भारत ने नेपाल की शांति प्रक्रिया और संविधान का मसौदा तैयार करने में किसी भी तरह के विदेशी दखल को अस्वीकार करते हुए कहा है कि वह अपने इस पड़ोसी देश को बहुदलीय लोकतंत्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा.

Advertisement
X

भारत ने नेपाल की शांति प्रक्रिया और संविधान का मसौदा तैयार करने में किसी भी तरह के विदेशी दखल को अस्वीकार करते हुए कहा है कि वह अपने इस पड़ोसी देश को बहुदलीय लोकतंत्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा.

Advertisement

काठमांडो में भारतीय राजदूत जयंत प्रसाद ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि सभी दल शांति प्रक्रिया को पूरा करने और संविधान का मसौदा तैयार करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगे सकारात्मक कदम उठाएं.

पिछले दिनों कार्यभार संभालने वाले प्रसाद आज ने संवाददाताओं से कहा, ‘शांति और संविधान का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया बिना किसी विदेशी दखल के नेपाली जनता और राजनीतिक दलों की ओर से पूरी होनी चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘नेपाली प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई के भारत दौरे के समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नेपाल में शांति प्रक्रिया और संविधान का मसौदा तैयार करने पर सहमति बनाने के लिए पूरा सहयोग देने का भरोसा दिलाया था ताकि नेपाल पूरी तरह से बहुदलीय लोकतंत्र में परिवर्तित हो सके.’ प्रसाद ने भरोसा जताया कि नेपाल जल्द ही पूर्व माओवादी लड़ाकों का पुनर्वास करने के साथ ही शांति प्रक्रिया एवं संविधान का मसौदा तैयार करने में सभी लोगों को शामिल कर लेगा.

Advertisement

प्रसाद ने कहा, ‘इन कदमों से नेपाल में स्थिरता आएगी और इस देश में प्रगति भी तेज होगी. यह सभी का मानना है कि नेपाली जनता शांतिपूर्ण बदलाव करने में अब तक सफल रही है.’ दोनों देशों के बीच 1950 की नेपाल-भारत शांति एवं मित्रता संधि की समीक्षा करने के सवाल पर प्रसाद ने कहा, ‘अगर दोनों पक्षों में इसको लेकर राजनीतिक इच्छा है तो इस संधि को समीक्षा करने में कोई समस्या नहीं आएगी.’

Advertisement
Advertisement