उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल में मिली राख की फोरेंसिक जांच में किसी तरह के मानव अवशेष होने से इनकार करते हुए कांग्रेस द्वारा राज्य सरकार पर लगाए जा रहे सभी आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया.
प्रदेश के मंत्रिमण्डलीय सचिव शशांक शेखर सिंह ने मुख्यमंत्री मायावती के हवाले से कहा, ‘फोरेंसिक प्रयोगशाला की जांच की प्रारम्भिक रिपोर्ट के अनुसार भट्टा पारसौल से ली गई राख में मानव अवशेष नहीं मिले हैं.’ उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस राख की जांच सिर्फ इसलिये कराई है कि कहीं उसमें किसी तरह के डेटोनेटर या अन्य विस्फोटक वगैरह तो नहीं हैं.
सिंह ने बताया कि फोरेंसिक विज्ञान लैब की जांच की प्राप्त हुई प्रारम्भिक रिपोर्ट में मानव अवशेष, हड्डी के टुकड़े नहीं नजर आते हैं. उसमें जला हुआ पिघला सिंथेटिक पदार्थ और उपले की राख ही दिखाई देती है.
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने मायावती के हवाले से कहा, ‘भट्टा पारसौल में महिलाओं से बलात्कार और अनेक ग्रामीणों की हत्या समेत सभी आरोप पूरी तरह निराधार हैं. राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के इरादे से भट्टा पारसौल की महिलाओं से दुराचार के आरोप लगाकर उनके सम्मान के साथ खिलवाड़ हो रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री का कहना है कि भट्टा पारसौल में 74 लोगों के मारे जाने और महिलाओं से बलात्कार के आरोप लगाकर सरकार को बदनाम करने की कोशिश की गई है.’
मौजूदा वक्त में भट्टा पारसौल में जनजीवन पूरी तरह से सामान्य होने का दावा करते हुए सिंह ने कहा कि क्षेत्र में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा अभी कुछ दिन तक लगाना आवश्यक है ताकि अराजक तत्वों को अमन-चैन खराब करने का मौका न मिल सके. सिंह ने दोहराया, ‘मुख्यमंत्री ने खुद कहा था कि भट्टा पारसैल में भूमि अधिग्रहण कोई मसला नहीं है. अब विरोधी दल भी यह मानने लगे हैं कि जो भी हादसा हुआ वह भूमि अधिग्रहण की वजह से नहीं हुआ. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि इस तरह की झूठी अफवाहें फैलाकर घटिया राजनीति करना उचित नहीं है.’
उन्होंने मायावती के हवाले से कहा, ‘अगर कांग्रेस को किसानों की इतनी चिंता है तो महाराष्ट्र के जैतापुर में परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिये जिन काश्तकारों की जमीन छीनी जा रही है उनके हितों की रक्षा पर ध्यान दे. भट्टा पारसौल में समय बर्बाद न करें.’ सिंह ने कहा, ‘मुख्यमंत्री का कहना है कि अगर सरकार भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन सम्बन्धी विधेयक को संसद के अगले सत्र में पेश नहीं करती है तो बसपा संसद का घेराव करेगी.’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस दावे पर कि घोटालों के मामले में संप्रग सरकार ने जितनी सख्त कार्रवाई की, इससे पहले किसी सरकार ने नहीं की, सिंह ने मुख्यमंत्री के हवाले से कहा कि मौजूदा संप्रग सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रमंडल खेल घोटाले से लेकर टू-जी स्पेक्ट्रम और एस-बैंड तथा आदर्श हाउसिंग सोसाइटी जैसे बड़े-बड़े घोटाले हुए हैं और इस सम्बन्ध में संप्रग सरकार ने जो भी कार्रवाई की वह विपक्ष के दबाव में की. सिंह ने मायावती के हवाले से यह भी कहा कि केन्द्र सरकार विदेशी बैंकों में जमा धन को वापस लाए और इस सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों को ध्यान में रखा जाए.
सिंह ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश को केन्द्र से जो धनराशि मिलनी थी उसमें से 21835 करोड़ रुपये अभी तक नहीं मिले हैं.’ बुंदेलखण्ड को सात हजार करोड़ और बुनकरों के लिये तीन हजार करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस भले ही इसका दावा कर रही हो लेकिन प्रदेश सरकार को इस सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं है.
सिंह ने इस सम्बन्ध में यह भी कहा कि बुंदेलखण्ड के बारे में प्रदेश सरकार को केवल 1600 करोड़ रुपये के पैकेज की जानकारी है.
पूर्वांचल की पीड़ा के प्रति संवेदनशील होने के सोनिया के दावे पर मंत्रिमण्डलीय सचिव ने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार ने केन्द्र से जो 80 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज मांगा था उसमें 37 हजार करोड़ रुपये पूर्वांचल के लिये और 11 हजार करोड़ रुपये बुंदेलखण्ड के लिये थे, मगर केन्द्र सरकार ने केवल बुंदेलखण्ड के लिये 1600 करोड़ रुपये ही दिये. वाराणसी में कांग्रेस के अधिवेशन में पार्टी नेताओं द्वारा राज्य सरकार पर लगाए गए आरोपों का मुख्यमंत्री की ओर से जवाब देते हुए मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा, ‘कांग्रेस ने अगर उत्तर प्रदेश में 38 वर्ष के लम्बे शासनकाल के दौरान सभी वर्गो का ध्यान रखा होता तो सम्भवत: बसपा के गठन की जरूरत ही नहीं पड़ती.’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश में खराब कानून-व्यवस्था होने का आरोप लगाया है जो बिल्कुल गलत है. सरकार कानून तोड़ने वालों के खिलाफ बगैर किसी पक्षपात के विधिसम्मत कार्य करती है. प्रदेश के कई विधायकों और मंत्रियों को सजा मिलना इसका प्रमाण है.’