पत्रकार दिलीप पडगांवकर सहित उनके दो साथी वार्ताकार कश्मीर समस्या का स्थायी हल ढूंढ़ने शनिवार को कश्मीर पहुंचे. उन्होंने कहा कि वे हर पक्ष से मिलेंगे और इस समस्या का स्थायी हल ढूंढ़ेंगे. लेकिन यह तय है कि यह पाकिस्तान को शामिल किए बिना संभव नहीं है.
पडगांवकर ने पत्रकारों से कहा कि उनका ध्यान युवाओं पर होगा, क्योंकि वे ही यहां की धारा को बदल सकते हैं. गुरुवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात कर पडगांवकर, शिक्षाविद राधा कुमार और सूचना आयुक्त एमएम अंसारी श्रीनगर पहुंचे.
हुर्रियत के दोनों धड़ों ने वार्ताकारों से मिलने से मना कर दिया है. साथ ही, कश्मीर के व्यापारियों और युवाओं से अपील की है कि वे भी बात नहीं करें.
पडगांवकर ने इस बहिष्कार पर कहा कि उनके पास एक साल का समय है और वे किसी प्रोटोकाल से भी बंधे हुए नहीं हैं. यदि उनके पास कोई नहीं आएगा तो वे संबंधित पक्षों के दरवाजे पर जा सकते हैं.
वे हर महीने बातचीत में होने वाली प्रगति की रिपोर्ट बनाते जाएंगे. उनकी बातचीत का कोई दायरा नहीं रहेगा और वे सीमा पार भी जा सकते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि फिलहाल वे चार दिन तक कश्मीर में हैं और वे माहौल को नरम करने में सफल होंगे.