राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद ने कहा कि देश में लोकपाल की कोई जरूरत नहीं है और इसके लिए हमलोग दूसरा तंत्र विकसित करेंगे.
लालू प्रसाद ने पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि समाजसेवी अन्ना हजारे की टीम ने जो लोकपाल की रूपरेखा पेश की, वह सही नहीं है, बल्कि इससे संसदीय तंत्र ध्वस्त हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बेवजह लोकपाल विधेयक में संशोधन लाए जाने की बात करती रहती है और इसको लेकर फिर राज्यसभा में चर्चा क्यों हुई.
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में शामिल रहने वालों के खिलाफ देश में कानून बना हुआ है और ऐसा करने पर वे उसका सामना करेंगे.
अन्ना टीम द्वारा देश के प्रधानमंत्री सहित केंद्र के 15 मंत्रियों को भ्रष्ट बताए जाने के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने इसे चरित्रहरण की साजिश बताया और कहा कि प्रधानमंत्री देश का नेता होता है तथा इससे विदेशों में देश की छवि धूमिल होगी.
सशक्त लोकपाल की मांग करने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे और उनकी टीम में छेद ही छेद होने का आरोप लगाते हुए प्रसाद ने कहा कि यह कई बार उजागर हो चुका है.
उन्होंने कहा कि जनता इनकी साजिश को समझ चुकी है तथा उनका भंडाफोड हो चुका है, इसलिए वे हतोत्साहित होकर ऐसी बातें कर रहे हैं.
वहीं लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष रामविलास पासवान ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार और गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार को क्लीनचिट देने वाले अन्ना हजारे की टीम में शामिल अरविंद केजरीवाल को बिहार आकर यहां के मंत्रिमंडल में शामिल भ्रष्ट और आपराधिक मुकदमा का सामना करने वाले लोगों की भी सूची जारी करनी चाहिए.
पासवान ने पटना में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा वे जांच के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि जांच होनी चाहिए, लेकिन यह किसी को निशाना बनाकर नहीं हो.
रामविलास पासवान ने कहा, ‘आरएसएस की गोद में बैठकर ये (अन्ना टीम) जो अभियान चलाए हुए हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए.’