कोयला ब्लॉक आवंटन पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के मुद्दे पर संसद में बने गतिरोध के मद्देनजर सरकार ने विश्वास प्रस्ताव लाने से इनकार कर दिया.
संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल से जब यह पूछा गया कि क्या सरकार की विश्वास प्रस्ताव लाने की योजना है, उन्होंने कहा, ‘ऐसी कोई योजना नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘हम इसे क्यों लायेंगे. अगर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहता है तो यह गिर जायेगा.’
बंसल ने इस बात को भी हंसी में उड़ा दिया कि गतिरोध के कारण संसद के मानसून सत्र को उसके निर्धारित कार्यक्रम सात सितंबर से पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जायेगा.
उन्होंने कहा कि लोकसभा प्रधानमंत्री के बयान पर नियम 193 के तहत चर्चा करेगी.
समझा जाता है कि राजद के लालू प्रसाद, सपा के शैलेन्द्र कुमार, माकपा के रामचन्द्र डोम और बीजद के बी मेहताब ने इस संबंध में नोटिस दिया है.
पिछली बार वर्ष 2008 में विश्वास प्रस्ताव उस वक्त आया था जब परमाणु करार के मुद्दे पर वाम दलों ने संप्रग सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि संसद में सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने की कोई योजना नहीं है.