समाजवादी पार्टी नेता और उत्तर प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र की संप्रग सरकार गिराने का उनकी पार्टी का कोई इरादा नहीं है. अखिलेश ने यह भी कहा कि केंद्र की संप्रग सरकार को उनकी पार्टी का समर्थन जारी रहेगा.
सपा नेता ने कहा, ‘..हमारी पार्टी का समर्थन है और यह जारी रहेगा. उत्तर प्रदेश के मतदाताओं ने राज्य को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए सपा को बहुमत दिया है. हमें बहुमत केंद्र की सरकार गिराने के लिए नहीं दिया गया है.’ यह पूछे जाने पर कि संसद में सपा की सीटें बढ़ाने के मकसद से लोक सभा चुनाव कराए जाने को लेकर यह सही समय है, इस पर अखिलेश ने कहा कि फिलहाल इसकी कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के मतदाताओं ने हमें सिर्फ राज्य की समृद्धि का जनादेश दिया है.’
संप्रग के घटक दलों के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से आयोजित रात्रिभोज में सपा और बसपा को आमंत्रित नहीं किए जाने की खबरों के बीच अखिलेश ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री के रात्रिभोज में जाएंगे. लेकिन इसमें कौन जाएगा इस बारे में फैसला करना बाकी है.’ राज्यों के हितों की रक्षा के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की ओर से दिए गए ‘संघीय मोर्चे’ के प्रस्ताव की बाबत अखिलेश ने कहा कि इस बारे में अभी कुछ कहना बड़ा मुश्किल है.
माकपा नेता प्रकाश करात से उनकी प्रस्तावित मुलाकात के बारे में अखिलेश ने कहा कि नेताओं से मिलना एक परंपरा है.
उन्होंने कहा, ‘आपने देखा कि सेंट्रल हॉल में मैं ज्यादातर नेताओं से मिला क्योंकि लखनऊ में जिम्मेदारियां बढ़ जाने की वजह से मैं दिल्ली नहीं लौट पाऊंगा. कोई समीकरण नहीं बनाना है, बस यह शिष्टाचार भेंट है. इन मुलाकातों में कोई राजनीतिक मुद्दा न तलाशें.’ यह सवाल किए जाने पर कि मुख्यमंत्री के तौर पर नयी भूमिका में प्रशासनिक अनुभव का अभाव क्या उनके लिए कोई बाधा खड़ी करेगा, अखिलेश ने कहा, ‘इसमें थोड़ा वक्त लगेगा, लेकिन मेरी टीम मेरी मदद करेगी.’
सपा अध्यक्ष और उनके पिता मुलायम सिंह यादव की भूमिका की बाबत अखिलेश ने कहा कि वह राष्ट्रीय राजनीति पर ध्यान केंद्रित करेंगे. उन्होंने कहा, ‘वह हमारा मार्गदर्शन भी करेंगे.’