‘धूम्रपान निषेध’ के संकेत इसलिए लगाए जाते हैं, जिससे लोग धूम्रपान न करें, लेकिन एक नए अध्ययन में बताया गया है कि ये संकेत व्यक्ति में सिगरेट की लालसा जगाकर धूम्रपान के लिए उकसाते हैं.
शोधकर्ताओं के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पाया कि ‘नो स्मोकिंग’ के संकेतों का धूम्रपान करने वालों पर उल्टा असर होता है और वे तबांकू के बारे में सोचते हैं.
शोधकर्ता ब्रियान एर्प ने कहा, ‘‘जब आपकी सूचना का ऐसे लोगों पर उल्टा असर होता है, तो आपको इसका विपरीत प्रभाव देखने को मिलता है.’’
द डेली मेल के मुताबिक एर्प ने कहा, ‘‘जब मैं कहता हूं ‘किसी गुलाबी हाथी के बारे में मत सोचो’, तब मैं इस वाक्य के कहने के साथ ही आपके जेहन में गुलाबी हाथी का विचार डाल देता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जन स्वास्थ्य के कई संदेश नकारात्मक तरीके से बनाए जाते हैं. मादक पदार्थों से बचें, शराब पीकर गाड़ी न चलाएं, धूम्रपान न करें... आदि.’’
एर्प ने कहा, ‘‘विशेष रूप से ‘नो स्मोकिंग’ का संकेत हर जगह होता है. सड़क पर चलते हुए ऐसे कम से कम पांच या छह संकेत खिड़कियों या दरवाजों पर नजर आते हैं. यदि आप धूम्रपान करते हैं तो इससे आपकी धूम्रपान की लालसा बढ़ सकती है.’’
एर्प और उनके दल ने धूम्रपान करने वाले एक समूह को ‘नो स्मोकिंग’ के संकेत या इससे संबंधित तस्वीरें दिखाईं और कई परीक्षण किए गए. परीक्षणों की श्रृंखला में शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को पहले ‘धूम्रपान निषेध’ के संकेत दिखाकर अपनी पसंद के चित्र बनाने को कहा गया, उन्होंने धूम्रपान से संबंधित तस्वीरें जैसे ऐश ट्रे या सिगरेट आदि बनाईं.