मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार को केंद्र की ओर से किसी प्रकार का पैकेज नहीं दिया गया. मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं के प्रश्नों के उत्तर में कहा, 'केंद्र ने बिहार को कोई विशेष पैकेज नहीं दिया है.
बिहार राज्य पुनर्गठन कानून के तहत 10वीं पंचवर्षीय योजना में प्रतिवर्ष बिहार को विशेष किस्म की योजनाओं को पूरा करने के लिए 1000 करोड़ रुपये देने का प्रावधान है. ये राशि 11वीं पंचवर्षीय योजना में भी दी गयी और 12वीं पंचवर्षीय योजना में इसे जारी करने के लिए योजना आयोग ने सिद्धांत तौर पर सहमति दी है. अनुकंपा के आधार पर राज्य को कोई मदद नहीं दी गयी है.'
उन्होंने कहा कि बिहार के बंटवारे के बाद मदद देना एक वैधानिक और स्थायी प्रावधान है. 12वीं पंचवर्षीय योजना में हमने बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की मदद मांगी है, लेकिन योजना आयोग की ओर से कितनी मदद दी जाएगी ये तय नहीं हुआ है.
नीतीश ने कहा कि राज्य सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं को चिहिनत कर उनकी सूची केंद्र सरकार को भेजी है. प्रदेश के योजना आकार में लगातार बढ़ोत्तरी के मामले में नीतीश ने कहा कि बिहार अपने आंतरिक संसाधनों में लगातार बढ़ोत्तरी कर अपने बूते पर योजना आकार में बढ़ोत्तरी करवा रहा है.
12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान बिहार का योजना आकार लगातार बढ़ेगा. आगामी तीन वर्ष में बिहार के वाणिज्य कर में दोगुने से अधिक बढ़ोत्तरी होगी.