जापान को प्रभावित करने वाले भयावह भूकंप के बाद उठी सुनामी की जबर्दस्त लहरों से भारत को खतरा नहीं होने संबंधी बयान के साथ ही सरकार ने इस डर को निराधार करार दिया कि इससे 2004 के दौर का दोहराव नहीं होगा जब देश के दक्षिणी हिस्से इसके कारण तबाह हो गये थे.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जापान के प्रधानमंत्री नाओतो कान को लिखे पत्र में हरसंभव मदद की पेशकश करते हुए कहा है कि हमारे संसाधन आपके लिये उपलब्ध रहेंगे. सिंह ने कहा कि भारत इस मुश्किल घड़ी में जापान की सरकार और जनता के साथ है.
भूविज्ञान राज्यमंत्री अश्विनी कुमार ने जापान में 8.9 तीव्रता का भूकंप आने के कुछ देर बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे जहां तक सूचित किया गया है, हमारे देश के किसी भी हिस्से में सुनामी का कोई खतरा नहीं है.’ {mospagebreak}
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जापान में आये विनाशकारी भूकंप में अपने करीबी लोगों को खोने वालों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा, ‘हम हर जरूरी तरीके से जापान की मदद करने को तैयार हैं. हमारे संसाधन आपके लिये उपलब्ध हैं.’
भूविज्ञान राज्यमंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि हैदराबाद स्थित भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र (आईएनसीओआईएस) हालात पर नजर रखे हुए है और वह इंडोनेशिया तथा फिलीपीन में अपने समकक्षों के संपर्क में है. मंत्री ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति पर मिनट दर मिनट नजर रखी जा रही है.’
उन्होंने कहा कि सुनामी का सामान्य बहाव इंडोनेशिया के पूर्व से पश्चिम की ओर तथा फिर उत्तर की ओर होगा. गृह मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया है कि हैदराबाद स्थित भारतीय राष्ट्रीय महासागरीय सूचना सेवा केंद्र ने सूचित किया है कि जापान में आयी सुनामी से भारत को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. {mospagebreak}
हैदराबाद में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने संवाददाताओं को बताया, ‘आठ मिनटों के भीतर आईएनसीओआईएस ने बुलेटिन जारी कर साफ कहा था कि भारत को इससे कोई खतरा नहीं है.’ आईएनसीओआईएस में सुनामी चेतावनी केंद्र है. वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक रेड्डी ने कहा, ‘वास्तव में पूरे भारतीय समुद्री क्षेत्रों को सुनामी का खतरा नहीं है.
मौजूदा परिस्थितियों में भारतीय समुद्री इलाकों को किसी प्रकार का खतरा नहीं हैं और आगे भी ऐसा ही रहने की उम्मीद है.’ इंडोनेशिया में भूकंप के बाद 26 दिसंबर 2004 को भारत के दक्षिणी हिस्से विशेषतौर पर तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्रप्रदेश, केरल और अंडमान निकोबार द्वीप में आयी सुनामी में 10,000 से अधिक लोग मारे गये थे और लाखों लोग बेघर हो गये थे.