भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत के लिए सोमवार को दिल्ली पंहुचने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें किसी ने इस्तीफा देने के लिए कहा ही नहीं. उन्होंने कहा, ‘मुझसे किसी ने इस्तीफा ही नहीं मांगा.’
उनसे पूछा गया था कि क्या पार्टी नेतृत्व की इच्छा के अनुरूप वह इस्तीफा देने जा रहे हैं. येदियुरप्पा ने कहा कि पहले वह कर्नाटक से अपनी पार्टी के सांसदों से मिलेंगे और उसके बाद पार्टी नेतृत्व से. अपने परिवार के लोगों को भूमि आवंटन में बरती गई अनियमतिओं के आरोप पर उन्होंने कहा कि इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं.
येदियुरप्पा कर्नाटक के पुट्टापार्थी से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ विशेष विमान से यहां आए हैं. दिल्ली बुलाए जाने की भाजपा आलाकमान के रविवार के आदेश की उन्होंने अनदेखी कर दी थी. बताया जाता है कि येदियुरप्पा इस्तीफा देने की आलाकमान की हिदायत पर अभी भी अपने पत्ते खोलने से बचने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने शीर्ष नेतृत्व से कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने से दक्षिण भारत के किसी राज्य में भाजपा की अपने बूते बनी पहली सरकार को नुकसान हो सकता है. अपना नाम नहीं देने के आग्रह पर पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने हालांकि इस आशंका से इनकार किया कि येदियुरप्पा कर्नाटक की भाजपा सरकार को अस्थिर करने की ताकत रखते हैं.
येदियुरप्पा ने खुद यहां आने से पहले उच्च शिक्षा मंत्री वी एस आचार्य सहित अपने कुछ विश्वसनीय लोगों को दिल्ली भेजा. आचार्य ने पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी सहित कई वरिष्ठ नेताओं से मिलने के बाद दावा किया कि येदियुरप्पा के भविष्य के बारे में पार्टी ने अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं किया है.