नोएडा एक्सटेंशन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला 24 घंटे बाद आना है, लेकिन किसानों, निवेशकों समेत बिल्डरों और अथॉरिटी की निगाहें अभी से संभावित फैसले की ओर टिकी गई हैं.
नोएडा एक्सटेंशन के फैसले से पहले ही नोएडा में किसानों ने बेहतर मुआवज़े की मांग उठा दी है. महापंचायत में नोएडा के किसानों ने अथॉरिटी को 13 दिन का समय दिया है.
सोमवार से किसानों ने जनजागरण अभियान शुरू करने का इरादा किया है, ताकि आंदोलन में शामिल गांववालों को एक जुट रखा जाए. 54 और गांवों के किसान अपनी एक जैसी मांगों को लेकर एकजुट हुए हैं. नोएडा के सेक्टर 74 में रविवार को महापंचायत जुटी, जिसमें सैकड़ों किसानों ने हिस्सा लिया. इस बैठक में नोएडा प्राधिकरण को 13 दिन की मोहलत देने का फैसला हुआ.
नोएडा प्राधिकरण ने किसानों से 10 दिन की मोहलत मांगी थी. किसानों ने उन्हें सारे मसले सुलझाने के लिए 5 अगस्त तक का समय दिया है. वर्ना धमकी दी है कि वो नोएडा कई सेक्टरों में चल रहे बिल्डरों के प्रोजेक्ट रुकवा देंगे और अदालत का दरवाज़ा खटखटाएंगे. इन किसानों के आंदोलन से नोएडा के 12 सेक्टरों में चल रहे प्रोजेक्ट्स पर संकट मंडरा रहा है. ये सेक्टर हैं 74, 75, 76, 77, 78, 79, 113, 117, 118, 119, 120 और सेक्टर 121.
नोएडा के किसानों की मांगे ग्रेटर नोएडा के किसानों से अलग हैं. यहां जंग जमीन की नहीं बल्कि मुआवज़े की है. किसान चाहते हैं कि उन्हें बेहतर मुआवज़ा दिया जाए. 1997 के बाद जितने भी किसानों की जमीन प्राधिकरण ने ली है उन्हें नए दर पर मुआवज़ा दिया जाए.
जमीन अधिग्रहण के वक्त जो समझौता हुआ था उसके तहत प्राधिकरण को गांव वालों की 5 फीसदी जमीन विकसित कर वापस करनी थी. उस समझौते पर अबतक अमल नहीं किया गया है. किसान चाहते हैं कि जल्द से जल्द उनकी पांच फीसदी जमीन विकसित कर वापस की जाए. जिन किसानों की जमीन ली गई है उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की भी मांग किसानों ने रखी है.
इससे पहले शनिवार को नोएडा के एक्सप्रेसवे के पास बसे गांवों के किसानों ने भी पंचायत की थी और प्राधिकरण को 31 तारीख तक का अल्टिमेटम दिया था.