उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में भूमि अधिग्रहण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए गठित विशेष पीठ के न्यायाधीश ने खुद को इस मामले की सुनवाई से अलग कर लिया है.
जब पीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए आया तो पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल ने खुद को मामले से अलग कर लिया. इस पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति वी के शुक्ला भी शामिल हैं.
नोएडा भूमि अधिग्रहण मामलों की सुनवाई कर रही दो न्यायाधीशों की पीठ ने 26 जुलाई को वृहत पीठ के गठन के लिए मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करते हुए सारी याचिकाओं को अपने अधिकार क्षेत्र से मुक्त कर दिया था.
गौतम बुद्ध नगर जिले के दर्जनों गांवों में फैली तीन हजार एकड़ से अधिक भूमि के अधिग्रहण को सैकड़ों किसानों ने चुनौती दी है जिनकी मुख्य दलील है कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम के ‘अत्यावश्यकता’ प्रावधान का इस्तेमाल कर उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया. इसके चलते उन्हें आपत्ति जताने और पर्याप्त मुआवजे के लिए बातचीत करने से वंचित किया गया.
किसानों ने इस तथ्य पर भी आपत्ति जताई थी कि इलाके के योजनाबद्ध औद्योगिक विकास के नाम पर राज्य सरकार ने भूमि का अधिग्रहण किया था, लेकिन बाद में आवासीय परिसरों के निर्माण के लिए बिल्डरों को जमीन दे दी गई. है.