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वार्ता से पहले उत्तर कोरिया कुछ कदम उठाए: अमेरिका

अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर वार्ता के लिए उत्तर कोरिया की पेशकश पर अमेरिका ने यह कहते हुए संदेह प्रकट किया है कि इस साम्यवादी देश को पहले यह प्रदर्शित करना चाहिए कि वह वार्ता को लेकर गंभीर है.

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अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर वार्ता के लिए उत्तर कोरिया की पेशकश पर अमेरिका ने यह कहते हुए संदेह प्रकट किया है कि इस साम्यवादी देश को पहले यह प्रदर्शित करना चाहिए कि वह वार्ता को लेकर गंभीर है.

दक्षिण कोरिया के युद्ध पोत के डूबने से उत्पन्न तनाव के बीच उत्तर कोरिया ने शनिवार को कहा था कि वह छह पक्षीय परमाणु अप्रसार वार्ता में पुन: शामिल होने के लिए सैद्धांतिक तौर पर इच्छुक है. दक्षिण कोरियाई जहाज श्योनन के डूबने से 46 नाविकों की जान चली गयी थी.

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता फिलिप क्राउले ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि उत्तर कोरिया छह पक्षीय वार्ता में शामिल होना चाहता है तो उसे ऐसा करने से पहले खास कदम उठाने होंगे, इसके बाद ही हम छह पक्षीय वार्ता की बहाली पर विचार करेंगे.’ क्राउले ने उत्तर कोरिया से उकसावे की कार्रवाई बंद करने की अपील की। अमेरिका और दक्षिण कोरिया का आरोप है कि उत्तर कोरिया ने ही श्योनन पोत को डुबोया है.

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क्राउले ने कहा, ‘यदि वे अपने ठोस कदमों के माध्यम से छह पक्षीय वार्ता के मौजूदा संकल्पों को पूरा करने इच्छा दिखाने को और अपने परमाणु कार्यक्रम को त्यागने के लिए तैयार नहीं हैं तो आप यह मूल प्रश्न करेंगे कि हम किसलिए वार्ता करने जा रहे हैं.’ चीन, जापान, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, रूस और अमेरिका के बीच की इस वार्ता में 2005 और 2007 में सहमति बनी थी कि उत्तर कोरिया को परमाणु कार्यक्रम से हटने के एवज में उसे सहायता एवं सुरक्षा गारंटी दी जाए.

उत्तर कोरिया पिछले वर्ष प्रक्षेपास्त्र एवं परमाणु परीक्षण कर वार्ता से अलग हो गया था. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने दक्षिण कोरियाई जहाज को डुबोने की घटना की कड़ी निंदा की है. इसके बाद ही उत्तर कोरिया ने वार्ता की मेज पर लौटने की पेशकश की.

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