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कानून हाथ में लेने का इरादा नहीं: रामदेव

ग्यारह हजार लोगों का सशस्त्र कैडर तैयार करने संबंधी बाबा रामदेव के बयान पर जबर्दस्त बवाल मचने के बाद योगगुरु की ओर से कहा गया है कि उन्होंने अहिंसा जैसे गांधीवादी सिद्धांतों के आधार पर बल तैयार करने के परिप्रेक्ष्य में यह वक्तव्य दिया था.

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ग्यारह हजार लोगों का सशस्त्र कैडर तैयार करने संबंधी बाबा रामदेव के बयान पर जबर्दस्त बवाल मचने के बाद योगगुरु की ओर से कहा गया है कि उन्होंने अहिंसा जैसे गांधीवादी सिद्धांतों के आधार पर बल तैयार करने के परिप्रेक्ष्य में यह वक्तव्य दिया था.

रामदेव के प्रवक्ता एस के. तिजारावाला ने योगगुरु की ओर से स्पष्टीकरण जारी कर कहा, ‘हम कानून हाथ में लेने का कोई इरादा नहीं रखते और न ही इस तरह की किसी बात का समर्थन करते हैं. हमारे कहने के मायने बंदूक या बम का प्रशिक्षण देने, किसी की जान लेने या किसी भी वक्त और परिस्थिति में हिंसा का रास्ता अपनाने से नहीं हैं.’ रामदेव की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘बाबा रामदेव ने 11 हजार सशस्त्र और देशभक्त लोगों का राष्ट्रवादी बल तैयार करने की बात कही थी जो रोजमर्रा के भ्रष्टाचार और खराब व्यवस्था से आत्म रक्षा, आम आदमी की रक्षा और हमारे राष्ट्र की रक्षा कर सके.’

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बयान के अनुसार, बल में शामिल होने वाले लोगों को योग प्रशिक्षण, प्राणायाम, कुश्ती जैसी पारंपरिक कलाओं सहित कसरत, जूड़ो-कराटे और दंड-बैठक सिखाया जायेगा. यह बल ‘अहिंसा, अनशन, सत्याग्रह, प्रार्थना, असहयोग, मार्च, हवन और यज्ञ जैसे गांधीवादी’ और अन्य तरह के सिद्धांतों के आधार पर विरोध प्रदर्शन और आत्मरक्षा करेगा. रामदेव ने बुधवार को हरिद्वार में कहा था कि हम 11,000 पुरूष और महिलाओं को तैयार करेंगे ताकि अगली बार रामलीला मैदान में होने वाली लड़ाई में हम लोग हार नहीं जाएं. उनके इस बयान पर काफी बवाल हुआ. कांग्रेस ने जहां तीखी आलोचना की, वहीं अन्ना हज़ारे पक्ष और भाजपा ने भी इस पर असहमति जाहिर की है.

बवाल मचने के बाद रामदेव की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया, ‘हम संविधान को सर्वोच्च मानते हैं लेकिन हमें आत्मरक्षा का भी अधिकार प्राप्त है. सिर्फ मजबूत व्यक्ति ही आत्मरक्षा कर सकता है.’ रामदेव और उनके समर्थकों पर रामलीला मैदान में हुई कार्रवाई के विरोध में एक दिन का अनशन करने वाला गांधीवादी अन्ना हज़ारे पक्ष शाम होते-होते योगगुरु के बयान से असहज स्थिति में आ गया.

अनशन के बाद शाम को हज़ारे के साथी कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण ने कहा, ‘हमें बताया गया है कि रामदेव 11,000 लोगों का सशस्त्र बल तैयार करना चाहते हैं. हम यह बात सुनकर असहज हो गये हैं. हम रामदेव की इस बात से पूरी तरह असहमत हैं.’ केजरीवाल और भूषण ने यह तक कह दिया कि आज एक दिन का सांकेतिक अनशन ‘रामदेव के समर्थन में नहीं था’, बल्कि यह रामलीला मैदान पर हुई पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में था.

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उधर, गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, ‘मैंने इस बयान को देखा है. ऐसा बयान देकर रामदेव ने अपने असली रंग और इरादों पर से पर्दा उठा दिया है. कानून उनसे अपनी तरह से निपटेगा.’ कांग्रेस प्रवक्ता जयंती नटराजन ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष के लिए 11,000 युवक-युवतियों को शस्त्र प्रशिक्षण देने संबंधी बाबा रामदेव का बयान संविधान के विरूद्ध है और कानूनी तरीके से चुनी हुई सरकार के भी खिलाफ है.’

भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने भी रामदेव के बयान पर असहमति जतायी और कहा कि भाजपा अहिंसक विरोध प्रदर्शन में यकीन रखती है.

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