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सरकार ने पेट्रोल मूल्यवृद्धि से दूरी बनाई, कहा फैसला तेल कंपनियों का

पेट्रोल की मूल्यवृद्धि को लेकर राजनीतिक दलों के विरोध के बीच सरकार ने इस फैसले से दूरी बनाते हुये कहा कि पेट्रोल के दाम नियंत्रणमुक्त किये जा चुके हैं और इसकी मूल्यवृद्धि का निर्णय तेल विपणन कंपनियों ने किया है.

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प्रणव मुखर्जी
प्रणव मुखर्जी

पेट्रोल की मूल्यवृद्धि को लेकर राजनीतिक दलों के विरोध के बीच सरकार ने इस फैसले से दूरी बनाते हुये कहा कि पेट्रोल के दाम नियंत्रणमुक्त किये जा चुके हैं और इसकी मूल्यवृद्धि का निर्णय तेल विपणन कंपनियों ने किया है.

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हालांकि, सरकार ने माना है कि पेट्रोल की मूल्यवृद्धि का सकल मुद्रास्फीति पर असर पड़ेगा. वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह तेल कंपनियों पर निर्भर करता है कि वह कब दाम बढ़ाती हैं. पेट्रोल के दाम सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो चुके हैं ऐसे में हमने इसे तेल कंपनियों पर छोड़ दिया है.’

बाद में जारी एक वक्तव्य में मुखर्जी ने कहा, ‘उपभोक्ता वस्तुओं के मामले में अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य ठीक नहीं दिखाई देता है, हम स्थिति पर बराबर नजर रखेंगे और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले मुद्रास्फीतिक दबाव को कम करने के लिये आवश्यक उपाय करेंगे.’

पेट्रोल मूल्यवृद्धि के मुद्रास्फीति पर पड़ने वाले असर के बारे में उन्होंने कहा, ‘तेल मार्केटिंग कंपनियों के पेट्रोल के दाम बढ़ाने का आने वाले कुछ महीनों में सकल मुद्रास्फीति पर कुछ असर पड़ सकता है.’ उल्लेखनीय है कि पिछले शनिवार को तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल के दाम पांच रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिये थे.

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मुद्रास्फीति के जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में सकल मुद्रास्फीति 8.66 प्रतिशत रही है. एक महीना पहले मार्च में यह 8.98 प्रतिशत रही थी लेकिन मार्च के संशोधित आंकड़ों में यह 9.04 प्रतिशत तक पहुंच गई. विशेषज्ञों का मानना है कि पेट्रोल की मूल्यवृद्धि का मुद्रास्फीति पर असर होगा और मई के आंकड़ों में यह दिखाई देगा. मई की मुद्रास्फीति के आंकड़े जून में जारी होंगे.

मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने कहा, ‘पेट्रोल के दाम नियंत्रणमुक्त किये जा चुके हैं, इसमें ऐसा कुछ नहीं जिसे सरकार ने वित्तीय नीति प्रबंधन के लिये किया हो.’ बसु ने पेट्रोल मूल्यवृद्धि के लिये अंतरराष्ट्रीय स्थिति को जिम्मेदार ठहराया. ‘आपको अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपभोक्ता वस्तुओं की मूल्य स्थिति को समझना चाहिये.. पेट्रोल मूल्य वृद्धि इसी वैश्विक स्थिति का हिस्सा है.’

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम पिछले महीने करीब ढाई साल के उच्चस्तर पर पहुंच गये थे. पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका के कुछ देशों में जारी राजनीतिक अनिश्चितता से कच्चे तेल के दाम 120 डालर प्रति बैरल तक पहुंच गये थे. बहरहाल, इसके दाम 100 डालर प्रति बैरल से कुछ उपर चल रहे हैं.

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